गाजियाबाद मर्डर केस : एक दिन पहले ही तीनों बेटियों के लिए नई साइकिलें लाई थी संगीता
तीनों बच्चियों के लिए संगीता गुरुवार शाम को 10 हजार रुपये में तीन नई साइकिलें लाई थी। साइकिल मिलने से तीनों बच्चियां काफी खुश थीं। गुरुवार शाम को तीनों बहनों ने साइकिल से रेस भी लगाई थी। तीनों...
तीनों बच्चियों के लिए संगीता गुरुवार शाम को 10 हजार रुपये में तीन नई साइकिलें लाई थी। साइकिल मिलने से तीनों बच्चियां काफी खुश थीं। गुरुवार शाम को तीनों बहनों ने साइकिल से रेस भी लगाई थी। तीनों ने इतराते हुए अपने दोस्तों को नई साईिकलें दिखाईं। ओजस्वी तो साइकिल से स्कूल जाने की जिद कर रही थी।
पड़ोस में रहने वाले जेपी शर्मा ने बताया कि जून माह का वेतन मिलने के बाद संगीता गुरुवार को तीनों बच्चियों के लिए साइकिल लेकर आई थी। खुशी में बच्चे आस-पड़ोस के लोगों को अपनी नई साइकिल दिखा रहे थे। बच्चियों को यह जानकारी भी नहीं थी कि साइकिल के साथ उनकी खुशी एक केवल एक दिन के लिए ही है।
आठ साल की मनस्वी कमला नेहरू नगर स्थित केंद्रीय विद्यायल में तीसरी कक्षा और पांच वर्षीय यशस्वी गोविंदपुरम के ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल में पढ़ती थी। शिक्षकों के अनुसार मनस्वी पढ़ाई में काफी होशियार थी। पिछले माह हुए टेस्ट में मनस्वी को ‘ए' ग्रेड मिला है। पढ़ाई के साथ मनस्वी अन्य गतिविधियों में भी अच्छा प्रदर्शन करती थी। मनस्वी की मौत की सूचना मिलते ही शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों की आंखों में आंसू आ गए। मनस्वी को याद कर सभी लोग रोने लगे। वहीं शनिवार को केंद्रीय विद्यालय स्कूल में मनस्वी के नाम पर शोक रखा जाएगा।
शाम को जन्मदिन मनाना था, सुबह ही मातम छाया
गाजियाबाद। प्रदीप के घर में जन्मदिन की तैयारियां चल रही थी। उसकी अविवाहित बहन रीना का शुक्रवार को जन्मदिन था। शाम को घर में केक काटा जाना था। बुआ को जन्मदिन पर गिफ्ट देने के लिए तीनों बहनों ने हाथ से ग्रीटिंग कार्ड बनाए थे, लेकिन इससे पहले ही खुशियां मातम में बदल गईं।
घर में प्रदीप अकेला बेटा था, उसकी चार बहनें हैं। इनमें से तीन की शादी हो चुकी। सबसे छोटी बहन रीना अविवाहित है। उसका शुक्रवार को जन्मदिन था। परिवार में जन्मदिन की तैयारी चल रही थी। रीना की भाभी संगीता ने भी अच्छा गिफ्ट देने का वादा किया। यह बात याद करके रीना रोने लगी। रोते हुए उसने बताया कि भाई और भाभी से ज्यादा मनस्वी, यशस्वी और ओजस्वी उससे प्रेम करती थी। तीनों हर रोज शाम को खाना उसके साथ ही खाती थीं। रीना ने कहा कि उसकी भतीजी मनस्वी उसके साथ घर में उससे ही बातें करती थी। भाई ने सारी खुशियां छीन ली। रोते हुए बोली, भाई ने भाभी और बेटियों को क्यों मारा। वह अपनी जान ही दे देता। वह अब कभी भी अपना जन्मदिन नहीं मनाएगी।
पति के नशे की लत नहीं छुड़ा पाई
गाजियाबाद (का.सं.) । पति प्रदीप की शराब की लत छुड़ाने के लिए संगीता ने हर प्रयास किया, ताकि घर में शांति बनी रहे। कमला नेहरूनगर स्थित नशामुक्ति केंद्र में उसका बेहतर उपचार कराया। लेकिन प्रदीप पर कोई असर नहीं हुआ। संगीता ने कई लोगों की नशे की लत छुड़ाई थी, मगर वह अपने पति की आदत नहीं छुड़ा सकी। नशे से उसका घर बर्बाद हो गया।
नशामुक्ति केंद्र में कई महीने तक प्रदीप का उपचार कराया गया। संगीता खुद पति को लेकर डॉक्टरों से मिलती थी ताकि बेहतर उपचार कर नशे की लत को जल्दी छुड़वाया जा सका। संगीता के प्रयास से कई लोग नशा छोड़ भी चुके हैं। इसी उम्मीद के साथ वह पति का इलाज भी करा रही थी। उसने पति को घर पर भी अच्छा वातावरण देने का प्रयास किया। उसे नशे से दूर रहने की बात कही। इसके बावजूद प्रदीप पर असर नहीं पड़ा। वह नशे की जकड़ से बाहर नहीं निकल पा रहा था। इसके बाद संगीता ने पिछले एक साल से पति से दूरियां बनानी शुरू कर दी थी। वह पति से ज्यादा बातचीत नहीं करती थी। इसे लेकर आपस में दोनों का कई बार झगड़ा हुआ। परिवार के लोगों का कहना था कि प्रदीप को पैसे देकर बाजार से यदि कुछ सामान मंगाया जाता था तो वह उन पैसों की भी शराब पी जाता था। रिश्तदारों के अनुसार प्रदीप ने कुछ साल पहले ही शराब पीना शुरू किया था। कुछ साल पहले उसने कपड़ों का भी काम शुरू किया था और पूरी मेहनत कर रहा था। इस दौरान उसे शराब की लत लग गई थी।
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