सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 'सुप्रीम' राहत, SC ने 5 सप्ताह और बढ़ाई अंतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत की अवधि सोमवार को पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत की अवधि सोमवार को पांच सप्ताह के लिए और बढ़ा दी है। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच को सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने सूचित किया कि 21 जुलाई को उनकी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई थी और उन्हें ठीक होने के लिए समय चाहिए।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा कि वह अंतरिम जमानत बढ़ाने का विरोध नहीं कर रहे हैं। राजू ने कहा कि जांच एजेंसी चाहती है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या किसी अन्य अस्पताल द्वारा सत्येंद्र जैन के स्वास्थ्य के संबंध में स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाले उसके आवेदन पर अगली तारीख पर सुनवाई हो। बेंच ने मामले की सुनवाई पांच सप्ताह बाद तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को मेडिकल ग्राउंड के आधार पर जैन को दी गई अंतरिम जमानत 24 जुलाई तक बढ़ा दी थी। कोर्ट ने 26 मई को जैन को मेडिकल आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है।
ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने 2017 में जैन के खिलाफ दर्ज की गई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के बाद उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था।
सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जैन को छह सितंबर 2019 को निचली अदालत द्वारा नियमित जमानत दे दी गई थी।