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दिल्ली के 21 हजार अतिथि शिक्षकों के भाग्य का फैसला आज

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले हजारों अतिथि शिक्षकों के किस्मत का फैसला शुक्रवार को होगा। दिल्ली सरकार को अतिथि शिक्षकों की सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाए या नहीं, इस पर शुक्रवार को...

नई दिल्ली | प्रमुख संवाददाता Fri, 29 March 2019 01:56 PM
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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले हजारों अतिथि शिक्षकों के किस्मत का फैसला शुक्रवार को होगा। दिल्ली सरकार को अतिथि शिक्षकों की सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाए या नहीं, इस पर शुक्रवार को हाईकोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी। सरकार ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर 21,833 अतिथि शिक्षकों की सेवा अगले छह माह के लिए बढ़ाने की मांग की है।

जस्टिस नज्मी वजीरी के समक्ष सरकार की ओर से 28 फरवरी को दाखिल इस अर्जी पर सुनवाई होगी। अर्जी में सरकार ने अपने स्कूलों में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों की सेवा छह माह बढ़ाने की मांग की है। इसमें सरकार ने कहा है कि 9956 में से डीएसएसबी ने अबतक सिर्फ 400 नवनियुक्त शिक्षकों की सूची मुहैया कराई है, ऐसे में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं बढ़ाने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने पिछले साल 25 अक्टूबर को पारित आदेश में सरकार को सिर्फ 28 फरवरी, 2019 तक सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं लेने की अनुमति दी थी। अब सरकार ने एक बार फिर से हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर छह माह के लिए सेवाएं जारी रखने की अनुमति मांगी है। सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि शिक्षा विभाग व डीएसएसएसबी नियमित शिक्षकों की नियुक्ति का प्रयास करती रहती है, इसके बावजूद इनकी कमी बनी रहती है।

इसलिए अनुमति जरूरी

हाईकोर्ट ने 23 मार्च, 2018 को सरकार को सिर्फ 31 अक्टूबर, 2018 तक ही अतिथि शिक्षकों की सेवाएं लेने की छूट दी थी। इसके बाद 31 मार्च को दोबारा 28 फरवरी 2019 तक अतिथि शिक्षकों की सेवाएं लेने की अनुमति दे दी थी। 

डीएसएसएसबी ने हलफनामे में क्या कहा था

दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले 77.5 फीसदी अतिथि शिक्षक भर्ती परीक्षा में खुद फेल हो गए। इतने बड़े पैमाने पर अतिथि शिक्षकों ने भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम अंक भी नहीं ला पाए। नियमित शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे 21,135 अतिथि शिक्षक शामिल हुए थे। इनमें से 16 हजार 383 यानी 77.5 फीसदी अतिथि शिक्षक परीक्षा में उतीर्ण होने के लिए न्यूनतम अंक भी प्राप्त नहीं कर सके।  

नियमित पदों को भरने के लिए भी सुनवाई होगी

दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए 10 हजार से अधिक नियमित शिक्षकों के खाली पदों को भरने से जुड़े मामले पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सरकार ने 10,591 नियमित शिक्षकों के भर्ती करने के लिए डीएसएसएसबी को आग्रह भेजा है। हाल ही में सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी थी। यह भर्तियां, सरकारी और नगर निगमों के स्कूलों के लिए चल रही करीब 15 हजार शिक्षकों की नियुक्ति से अलग है।

30 अप्रैल तक परिणाम

सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि डीएसएसएसबी कुल रिक्तियों 9556 में से 7262 पदों का परीक्षा परिणाम 30 अप्रैल तक जारी कर पाएगी। जबकि, 1694 पदों के लिए 31 मई, 2019 तक परिणाम जारी करेगी। सरकार ने कहा है कि डीएसएसएसबी पहले ही हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर इन पदों की भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग कर चुकी है। हालांकि, डीएसएसएसबी 9556 पदों में से कुछ पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के अंतिम चरण में है।   

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