दिल्ली की सड़क पर मौत बन दौड़ रही DTC बसें, हादसों की संख्या में इजाफा; चौंकाने वाले हैं ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े
ट्रैफिक पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में डीटीसी बसों की चपेट में आने से कुल 17 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन वर्ष 2022 में केवल 31 अक्तूबर तक ही डीटीसी बस की चपेट में आने से 24 लोग मरे।
ट्रैफिक पुलिस से मिले आंकड़े बताते हैं कि राजधानी की सड़कों पर क्लस्टर बसों के मुकाबले डीटीसी की बसें वर्ष 2022 में ज्यादा सड़क हादसों को अंजाम दे रही हैं। वह भी ऐसे समय में जब दिल्ली सरकार की ओर से लेन ड्राइविंग को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। दिल्ली की सड़कों पर हर साल करीब 50 लोग बसों की चपेट में आकर जान गंवा देते हैं। जबकि, करीब 150 से ज्यादा लोग हर साल बस की चपेट में आने से चोटिल होते हैं। दिल्ली की सड़कों पर हादसों और जाम को कम करने के लिए दिल्ली सरकार बसों को लेन ड्राइविंग में चला रही है। यह अभियान बीते अप्रैल माह से शुरू किया गया था। इसके लिए बेहद सख्ती भी सरकार के द्वारा बरती जा रही है।
सरकार के इस अभियान की वजह से क्लस्टर बसों से होने वाले सड़क हादसों में काफी कमी देखने को मिली है। लेकिन, डीटीसी बसों से होने वाले सड़क हादसे काफी बढ़ गए हैं। ट्रैफिक पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में डीटीसी बसों की चपेट में आने से कुल 17 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन वर्ष 2022 में केवल 31 अक्तूबर तक ही डीटीसी बस की चपेट में आने से 24 लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2021 में जहां डीटीसी की चपेट में आने से दो माह में तीन लोगों की मौत होती थी तो वर्ष 2022 में प्रत्येक दो माह में 5 लोग डीटीसी की चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं।
घायलों की बात करें तो वर्ष 2021 में जहां 66 लोग डीटीसी से घायल हुए थे तो इस वर्ष 31 अक्तूबर तक 102 लोग घायल हो चुके हैं। दूसरी तरफ क्लस्टर बसों से होने वाले हादसे इस वर्ष कम हुए हैं।