25 हजार लोगों का रुका ड्राइविंग लाइसेंस, विभाग ने बताया यह कारण
चिप के संकट के कारण बीते साल नवंबर से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन रहे थे। इस कारण आवेदन और प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं पहुंचे हैं। आवेदकर परेशान हैं।
नोएडा जिले के 25 हजार स्थाई और नवीनीकृत ड्राइविंग लाइसेंस छपाई नहीं होने से अटके हुए हैं। परेशान लोग परिवहन विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। परिवहन विभाग के अनुसार चिप का संकट खत्म हो चुका है लेकिन बड़ी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस रुके होने के कारण छपाई में वक्त लग रहा है।
चिप के संकट के कारण बीते साल नवंबर से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन रहे थे। इस कारण आवेदन और प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं पहुंचे हैं। परेशान आवेदक परिवहन विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
सेक्टर 30 निवासी रंजीत ने कहा कि करीब दो माह पहले प्रक्रिया पूरी की थी लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के प्रिंट आउट के भरोसे हैं। यदि चालान होगा तो आवेदन का प्रिंट आउट मान्य होगा या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
डेढ़ माह पहले प्रक्रिया पूरी सेक्टर-21ए निवासी श्रेयस ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए करीब डेढ़ माह पहले प्रक्रिया पूरी की थी लेकिन अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बैंक ऋण के लिए आवेदन किया है, जिसमें स्थाई पते के तौर पर सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस का विकल्प है। इसके अलावा उनके पास पते का और कोई प्रमाण नहीं है।
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने कहा कि चिप की किल्लत खत्म हो गई है। बड़ी संख्या में डीएल के आवेदन होने के कारण समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे डीएल की छपाई होती जाएगी लोगों को मिलते जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ माह में सभी आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएंगे।
ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया परिवहन विभाग कार्यालय में होती है। आवेदक के ड्राइविंग की परीक्षा में पास होने के बाद लखनऊ की एक एजेंसी ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट करके डाक के जरिए आवेदकों के घर पर पहुंचाती है। आवेदक के घर पर न मिलने पर ड्राइविंग लाइसेंस डाक के जरिए लखनऊ जाता है और वहां से संबंधित परिवहन विभाग कार्यालय में पहुंचता है। वहां से आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर सकता है।
चार साल पहले परिवहन विभाग कार्यालय में प्रिंट होता था
डीएल करीब चार साल पहले परिवहन विभाग कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट होता था। इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस डाक के जरिए आवेदक के घर पर पहुंचाया जाता था। इसमें करीब चार से पांच दिन लगते थे। परिवहन अधिकारी के अनुसार लखनऊ से ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक तक पहुंचने में एक हफ्ते से दस दिन तक का समय लग जाता है।