दिव्या पाहुजा मर्डर केस : टीवी पर खबरें देख कैसे पुलिस को चकमा देते रहे आरोपी, रवि बांगा ने पूछताछ में उगले कई राज
दिव्या पाहुजा के शव को ठिकाने लगाने में मदद करने वाले रवि बांगा ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए। उसने बताया कि गिरफ्तारी से बचने को वह और बलराज गेस्ट हाउस में दिनभर टीवी पर खबरें देखते रहते थे।
गैंगस्टर संदीप गाडोली की गर्लफ्रेंड मॉडल दिव्या पाहुजा के शव को ठिकाने लगाने में मदद करने वाले रवि बांगा ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए। उसने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह और बलराज गिल गेस्ट हाउस में दिनभर टीवी चैनलों पर खबरें देखते रहते थे। जब उन्हें लगता कि पुलिस उनके करीब पहुंचने वाली है तो वो वहां से फरार हो जाते थे।
रवि ने बताया कि दिव्या के शव को कार में रखने के बाद वह कार सौ किलोमीटर से भी तेज रफ्तार में चला रहे थे, ताकि पकड़े नहीं जा सकें। बलराज गिल और रवि बांगा दोनों ने ही कार चलाई। रवि ने बताया कि बलराज की गिरफ्तारी के बाद वह कुछ दिन कोलकाता में रहा और उसके बाद वह राजस्थान पहुंच गया।
राजस्थान के रास्ते यूपी फिर कोलकाता पहुंचे : मॉडल दिव्या पाहुजा के शव को ठिकाने लगाने के बाद दोनों आरोपी राजस्थान के रास्ते यूपी होते हुए कोलकाता पहुंचे थे। जहां पर बलराज गिल और रवि का साथ छूट गया था। उसके बाद वह राजस्थान आ गया था। वहां पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि संदीप गाडोली गुरुग्राम का गैंगस्टर था। उस पर तीन दर्जन से ज्यादा हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली, रंगदारी और फिरौती के केस दर्ज थे।
तीन दिन की पुलिस रिमांड : रवि बांगा को अपराध शाखा सेक्टर-17 की टीम ने जयपुर से गिरफ्तार किया है। पुलिस उसे तीन दिन का पुलिस रिमांड पर लेकर जांच में जुटी है। पुलिस अब बलजीत और रवि बांगा के बयानों का मिलान करेगी।
सात आरोपी अब तक धरे : मामले में अब तक सात आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें हेमराज, ओम प्रकाश की पहचान होटल कर्मचारी के रूप में हुई है। होटल मालिक अभिजीत मुख्य आरोपी है। पुलिस ने उसके पीएसओ प्रवेश और गर्लफ्रेंड मेघा को भी गिरफ्तार किया है। शव ठिकाने लगाने वाला बलराज गिल को कोलकता एयरपोर्ट, रवि बांगा को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया।
पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखी
पुलिस पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि बलराज गिल और रवि बांगा पुलिस की हर गतिविधि पर ध्यान रख रहे थे। दिव्या मामले में पुलिस की जांच कहा तक पहुंची, वह गेस्ट हाउस के कमरे में बैठकर सारा दिन न्यूज देखते थे। हत्या का समाचार जानने के लिए ही वह गेस्ट हाउस में कमरा लेते थे। वह वहीं कमरा लेते जिसमें टीवी होता था। उसमें वह समाचार चैनल ही देखते थे। किसी जानकार का नंबर जानने के लिए मोबाइल खोलते थे। उसके बाद बंद कर देते थे। मोबाइल खुलते ही पुलिस को लोकेशन मिलने पर टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पीछा करना शुरू कर देती। इसका आभास होते ही आरोपी शहर छोड़ देते थे।