गणेश पूजा की वजह से AAP की मान्यता खत्म करने की मांग, HC ने क्या कहा
आम आदमी पार्टी की मान्यता खत्म कर दी जाए, क्योंकि दिल्ली सरकार ने सरकारी फंड का इस्तेमाल करते हुए गणेश चतुर्थी पर पूजा का आयोजन किया। इस मांग के साथ हाई कोर्ट में पीआईएल दायर की गई है।
आम आदमी पार्टी की मान्यता खत्म कर दी जाए, क्योंकि दिल्ली सरकार ने सरकारी फंड का इस्तेमाल करते हुए गणेश चतुर्थी पर पूजा का आयोजन किया। यह मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। वकील एमएल शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुसार राव गेडेला ने कहा कि सरकार किसी को हिंदू या बौद्ध बनने को नहीं कह रही है। सिर्फ त्योहार मनाने को कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी राजनीतिक दल की मान्यता खत्म करना कठोर कदम है।
बार एंड बेंच के मुताबिक, पीआईएल में शर्मा ने कहा कि 2021 में दिल्ली सरकार ने गणेश पूजा का आयोजन किया था और सरकारी फंड का इस्तेमाल करते हुए इसका टेलीकास्ट भी किया। यह सेक्युलरिज्म के सिद्धांतों का उल्लंघन है। बेंच ने कहा, 'प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री दिवाली और ईद जैसे त्योहारों पर शुभकामनाएं देते हैं। लेकिन इस पर यह नहीं कहा जा सकता है कि सेक्युलरिज्म या रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल ऐक्ट की धारा 29A (5) का उल्लंघन है।'
चुनाव आयोग ने भी याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि यह पीआईएल सुनवाई के योग्य नहीं है। यह भी कहा गया कि दिल्ली सरकार ने भीड़ रोकने और यमुना को साफ रखने के लिए कोविड महामारी के दौरान गणेश पूजा का आयोजन किया था। इस बीच अदालत में ही याचिकाकर्ता की तबीयत खराब हो गई जिसकी वजह से कोर्ट ने सुनवाई को स्थगित कर दिया। शर्मा ने कहा कि वह अपनी याचिका में बदलाव करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से 2021 में दिल्ली सरकार ने गणेश चतुर्थी पर सार्वजनिक समारोह पर रोक लगा दी थी। उन्होंने सरकार की तरफ से दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज के पास एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया था। केजरीवाल ने मंत्रियों के साथ यहां पूजा अर्चना की। उन्होंने लोगों से अपील की थी घर में टीवी पर देखते हुए पूजा में हिस्सा लें।
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