दिल्ली हिंसा : हाईकोर्ट ने अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार के लिए दी अनुमति
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अधिकारियों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के नामों के प्रकाशन की तारीख से दो सप्ताह बाद अज्ञात शवों के निकायों के अंतिम...
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अधिकारियों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के नामों के प्रकाशन की तारीख से दो सप्ताह बाद अज्ञात शवों के निकायों के अंतिम संस्कार की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट ने पहले दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को 11 मार्च तक अज्ञात शवों का निपटान नहीं करने और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान मारे गए शवों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराने को कहा था।
जानकारी के मुताबिक, अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करने के सभी अस्पतालों को शुक्रवार 06 मार्च को निर्देश दिए थे। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस आईएस मेहता की बैंच ने अधिकारियों को सभी शवों के डीएनए नमूने सुरक्षित रखने और किसी भी अज्ञात शव का बुधवार तक अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्देश दिया।
Delhi HC had earlier asked the government hospitals of Delhi not to dispose of the unidentified bodies till March 11 and to conduct videography of post-mortem of bodies who died during violence in Northeast Delhi. https://t.co/imcCfl3zc1
— ANI (@ANI) March 11, 2020
अदालत ने ये निर्देश एक व्यक्ति की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। व्यक्ति का रिश्तेदार दंगों के बाद से लापता है और याचिकाकर्ता ने उसकी जानकारी के लिए अदालत में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत को बताया कि लापता व्यक्ति हमजा का शव गोकुलपुरी में एक नाले से सोमवार को बरामद किया गया था और उसका पोस्टमार्टम दिन में आरएमएल अस्पताल में किया जाएगा
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को निर्देश दिया था कि वह उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के चलते सरकारी अस्पतालों के शवगृहों में लाए गए अज्ञात शवों के बारे में अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर पूरी जानकारी प्रकाशित करे।
ताहिर हुसैन के तीन और करीबी गिरफ्तार, IB अफसर की हत्या के वक्त थे साथ
अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह लापता हमजा के बारे में पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करें। अदालत में पुलिस का प्रतिनिधित्व दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराध) राहुल मेहरा और वकील चैतन्य गोसैन कर रहे थे। सुनवाई के दौरान मेहरा ने अदालत से कहा कि दिल्ली सरकार याचिकाकर्ता अंसारी मोहम्मद आरिफ को उन सभी अस्पतालों के शवगृहों में जाने की सुविधा उपलब्ध कराएगी जहां दंगों के दौरान मारे गए लोगों के शव रखे गए हैं।
बैंच ने दिल्ली पुलिस को केंद्र और राज्य के नियंत्रण वाले सभी अस्पतालों के शवगृहों में रखे हुए अज्ञात शवों की जानकारी फोटो के साथ अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने के निर्देश दिए थे। अदालत ने इस जानकारी में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डीएनए के नमूनों की भी जानकारी देने को कहा था।
अब तक 53 की हुई मौत
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब तक 53 हो गई है। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में गुरुवार को मौत के छह और मामले आने के बाद यह संख्या बढ़कर 44 हो गई। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पांच, एलएनजेपी अस्पताल में तीन, और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में एक मौत हुई है। इनमें दिल्ली पुलिस के हेडकांस्टेबल रतनलाल और आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा भी शामिल हैं।
दिल्ली हिंसा में 654 केस दर्ज
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि हाल में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में उसने 600 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने अपना बयान जारी कर कहा कि 654 दर्ज मामलों में से 47 शस्त्र कानून से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने कहा कि कुल 1820 लोगों को सांप्रदायिक दंगों के मामले में या तो हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया गया है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इससे पहले, गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह दिल्ली हिंसा में अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद सरेंडर के लिए दिल्ली कोर्ट पहुंचे थे। ताहिर को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी कस्टडी में लिया।
कोर्ट ने कहा- वेबसाइट पर दें मृतकों की पूरी जानकारी
उधर, दिल्ली होईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को निर्देश दिया कि वह उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान सरकारी अस्पतालों के शवगृहों में लाए गए अज्ञात शवों के बारे में अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर पूरी जानकारी प्रकाशित करे। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति आई एस मेहता की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया। उत्तरपूर्वी दिल्ली में हाल में हुए दंगों के बाद से लापता अपने एक रिश्तेदार के बारे में जानकारी को लेकर एक व्यक्ति ने यह याचिका दायर की थी।
अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह लापता हमजा के बारे में पता लगाने के लिए 'हर संभव प्रयास करें। अदालत में पुलिस का प्रतिनिधित्व दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराध) राहुल मेहरा और वकील चैतन्य गोसैन कर रहे थे। सुनवाई के दौरान मेहरा ने अदालत से कहा कि दिल्ली सरकार याचिकाकर्ता अंसारी मोहम्मद आरिफ को उन सभी अस्पतालों के शवगृहों में जाने की सुविधा उपलब्ध कराएगी जहां दंगे के दौरान मारे गए लोगों के शव रखे गए हैं।