क्या विधायकों के पाला बदलने से छिन जाएगा 'AAP' का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा- Expert Views
यदि गुजरात में उसके पांच विधायकों में से कुछ टूट कर दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो सवाल यह कि क्या आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने की कोशिश पर असर पड़ेगा। इस रिपोर्ट में जानते हैं
गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ विधायकों के पाला बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा था कि पार्टी बेहद कम समय में राष्ट्रीय दल बनने की ओर कदम बढ़ा दिया है। आप नेता संजय सिंह ने कहा था कि उनकी पार्टी ने महज 10 वर्षों में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल किया। हम गुजरात के लोगों के शुक्रगुजार हैं जिनकी वजह से हमें यह उपलब्धि हासिल होने वाली है। ऐसे में यदि गुजरात में उसके पांच विधायकों में से कुछ टूट कर दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो सवाल यह कि क्या आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने की कोशिश पर असर पड़ेगा। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि क्या कहता है कानून...
इन अटकलों के बीच निर्वाचन आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इससे पार्टी की राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने की कोशिश को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी का मामला चुनाव के बाद लोगों के (पार्टी) छोड़ने से प्रभावित नहीं होना चाहिए। दरअसल, यह देखा ही नहीं जाता है। वे किसी खास पार्टी के टिकट पर चुने गए हैं, जिसे उसके चुनावी प्रदर्शन में देखा जाएगा। लिहाजा इससे उन्हें (राष्ट्रीय दल के तौर पर) मान्यता दिए जाने पर असर नहीं पड़ेगा।
अधिकारी ने कहा कि यदि किसी दल के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या बल नहीं है और वह अन्य दलों के विधायकों का समर्थन लेता है, तो इससे उसका चुनावी प्रदर्शन नहीं सुधरेगा। इसका कारण यह है कि पाला बदलने वाले विधायकों ने किसी और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनावी कानून के विशेषज्ञ पूर्व अधिकारी ने कहा कि चुनाव के बाद क्या होता है यह मायने नहीं रखता है। चुनाव के नतीजे मायने रखते हैं।
पूर्व अधिकारी ने चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी पार्टी के पास चार राज्यों में राज्य स्तरीय दल का दर्जा है, तो वह अपने आप राष्ट्र पार्टी बन जाएगी। आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली, गोवा और पंजाब में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा है। वह दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है। उन्होंने बताया कि किसी पार्टी को राज्य स्तरीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए एक राज्य में आठ प्रतिशत मतों की जरूरत होती है।
पूर्व अधिकारी ने कहा कि कई विकल्प हैं। अगर एक पार्टी छह फीसदी वोट पाती है और विधानसभा में दो सीटें हासिल कर लेती है, तो उसे राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिल जाता है। राज्य स्तरीय दल का दर्जा पाने का दूसरा तरीका यह है कि विधानसभा में तीन सीट जीत ले, भले ही मत प्रतिशत कितना भी हो। गुजरात में प्रदर्शन की बदौलत 'आप' वहां पर राज्य स्तरीय दल का दर्जा पा लेगी। अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने गुजरात की 182 में से 181 सीट पर चुनाव लड़ा था। उसे पांच सीट पर जीत मिली और करीब 13 फीसदी मत मिले।