Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi Master drainage plan is expected to be ready by next year AAP govt told Home Ministry

दिल्ली के लिए अगले साल तक बनेगा जलभराव रोकने वाला यह खास प्लान, AAP सरकार ने गृह मंत्रालय को बताया

दिल्ली में मॉनसून की पहली ही बारिश ने इस बार भी सरकार की तैयारियों के तमाम दावों को धोकर रख दिया है। बारिश के बाद जगह-जगह हुए जलभराव ने आम से लेकर खास तक सभी की मुसीबतें बढ़ा दीं।

Praveen Sharma नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, Sun, 30 June 2024 06:30 AM
share Share

दिल्ली में मॉनसून की पहली ही बारिश ने इस बार भी सरकार की तैयारियों के तमाम दावों को धोकर रख दिया है। बारिश के बाद जगह-जगह हुए जलभराव ने आम से लेकर खास तक सभी की मुसीबतें बढ़ा दीं। जलभराव से जूझती दिल्ली का मास्टर ड्रेनेज प्लान बनाने में अभी एक साल और लगेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बुलाई गई बैठक में दिल्ली के अधिकारियों ने कहा है कि मास्टर ड्रेनेज प्लान बनाने की योजना पर काम चल रहा है।

2011 से कागजों में ही चल रही है प्रक्रिया

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मास्टर ड्रेनेज प्लान के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। इसका काम मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। दिल्ली में वर्ष 2011 से मास्टर ड्रेनेज प्लान बनाने की योजना चल रही है। जलभराव को लेकर हुई बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने माना कि शुक्रवार को बारिश के बाद जलभराव का बड़ा कारण ड्रेनेज सिस्टम रहा। ज्यादा बारिश होने के कारण पानी का बहाव तेज था। ऊपर से ड्रेनेज सिस्टम खासतौर से बारापुला नाले में ओवरफ्लो के कारण यह समस्या और बढ़ गई। एम्स के पास बारापुला नाले की दीवार टूटने से अरविंदो मार्ग, सनलाइट कॉलोनी, मथुरा रोड, आईटीओ, ओखला समेत दक्षिणी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पानी भरा।

तीन हिस्सों में बांटकर किया जा रहा काम

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि पहले एक ड्रेनेज सिस्टम पर काम चल रहा था। अब इसे तीन हिस्सों में बांटकर तैयार किया जाएगा। यह तीन हिस्से ट्रांस यमुना बेसिन, बारापुला नाला और नजफगढ़ ड्रेन बेसिन के आधार पर बांटा जाएगा। तीनों हिस्से में कुल 200 से अधिक नाले आते हैं। सबसे अधिक नाले 123 नजफगढ़ ड्रेन, 44 से अधिक नाले बारापुला और ट्रांस यमुना बेसिन में 34 से अधिक नाले आते हैं।

48 साल पुराना हो चुका ड्रेनेज सिस्टम 

दिल्ली का मौजूदा ड्रेनेज सिस्टम 48 साल पुराना है। वर्ष 1976 में दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया गया था। उस समय दिल्ली की आबादी 60 लाख के करीब थी। वर्तमान में राजधानी की आबादी करीब तीन करोड़ तक पहुंच चुकी है। शहरीकरण का क्षेत्र भी तेजी से बढ़ा है, इसलिए वर्ष 2011 से मास्टर ड्रेनेज प्लान पर काम चल रहा है, लेकिन अब तक वह कागजों में घूम रहा है।

प्लान पर कब क्या हुआ

  • सितंबर 2011 दिल्ली सरकार ने आईआईटी दिल्ली के साथ जलभराव के समाधान को लेकर मास्टर ड्रेनेज प्लान के लिए अनुबंध किया
  • जुलाई 2018 आईआईटी दिल्ली ने मास्टर ड्रेनेज प्लान की फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंपी
  • अगस्त 2018 मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों के मास्टर ड्रेनेज प्लान को लागू करने का निर्देश दिया, जिसमें जलभराव के कारण बताए गए
  • मई 2019 फिर एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक हुई, जिसका गठन दिसंबर 2011 में हुआ था। बैठक में विभागों से जो ब्योरा मिला उसे समिति के चेयरमैन ने नाकाफी बताया
  • 5 अगस्त 2021 तकनीकी विशेषज्ञ समिति ने मास्टर ड्रेनेज प्लान को उपयोगी नहीं बताते हुए खारिज कर दिया। समिति ने कहा कि इसमें जो सिफारिशें हैं उसे दिल्ली सरकार स्वीकार नहीं करेगी
  • 24 अगस्त 2021 मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मास्टर ड्रेनेज प्लान के प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की है। दावा किया कि जल्द ही दिल्ली को जलभराव से राहत मिलेगी
  • 29 जून 2024 लोक निर्माण विभाग ने जलभराव को लेकर गृह मंत्रालय के साथ हुई बैठक में कहा है कि मार्च 2025 तक मास्टर ड्रेनेज प्लान को लागू कर दिया जाएगा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें