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विश्वास जीता, क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर कराए 3.3 करोड़; दिल्ली के लक्ष्य विज ने US महिला से कैसे की ठगी

अमेरिकी महिला का विश्वास जीतकर उसके करोड़ों रुपए को क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर कराया। इसके बाद उन्हें अलग-अलग अकाउंट्स में डाल दिया। ईडी ने दिल्ली के एक शख्स को गिरफ्तार किया है।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 25 July 2024 06:49 AM
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अमेरिकी महिला के साथ 3.3 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले दिल्ली के शख्स को गिरफ्तार किया है। 22 जुलाई को आरोपी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत पकड़ा गया। आरोपी की पहचान दिलशाद गार्डन में रहने वाले 33 साल के लक्ष्य विज के तौर पर हुई है। विज को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 28 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। इस मामले की जांच तब शुरू हुई जब सीबीआई ने एक अमेरिकी नागरिक के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में कई व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

महिला को कैसे फंसाया

विज ने अमेरिकी महिला लिसा रोथ से संपर्क किया और उसे अपने निवेश को बैंक अकाउंट से क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए राजी किया। उसने यह दावा किया कि उसका करेंट अकाउंट (चालू खाता) असुरक्षित है। विज ने कथित तौर पर रोथ का लैपटॉप हैक किया। जिसके बाद उसकी स्क्रीन पर एक नंबर दिखा। जब पीड़िता ने उस नंबर पर कॉल किया तो एक व्यक्ति ने खुद को माइक्रोसॉफ्ट का एजेंट बताकर उनसे बात की। इसके बाद उनसे उनके बैंक खाते से चार लाख अमेरिकी डॉलर (3.3 करोड़ रुपये से अधिक) के निवेश को क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में ट्रांसफर करने के लिए कहा।

आरोपी ने उसके नाम पर एक क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट खोला और उसमें चार लाख अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर कर दिए। जब पीड़िता ने बाद में अकाउंट में लॉग इन किया तो, उसने पाया कि पैसे गायब हो गए थे। इसके बाद उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई जिन्होंने मामले की डिटेल भारतीय अधिकारियों के साथ शेयर की और सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी।

अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर किए पैसे

ईडी की जांच से पता चला कि ठगी के पैसे को अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के जरिए ट्रांसफर किया गया और आखिर भारतीय करेंसी में बदल लिया गया। फिर इस पैसे को पेमेंट एग्रीगेटर्स के माध्यम से डमी संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा रखे गए कई बैंक खातों में डाल दिया गया। 6 जून, 2024 को ईडी ने तलाशी अभियान चलाया और मामले से जुड़े डिजिटल सबूत इकट्ठा किए। जिन लोगों के वॉलेट का इस्तेमाल लेन-देन में किया गया था, उनके बयान भी दर्ज किए गए।

सबूतों से पता चला कि लक्ष्य विज नामक एक क्रिप्टोकरेंसी हैंडलर ने ही मुख्य रूप से व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग करके ट्रांसफर का निर्देश दिया था। विज को घोटाले में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया। उसे 23 जुलाई को नई दिल्ली में स्पेशल कोर्ट (पीएमएलए) के सामने पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने ईडी को आगे की जांच के लिए उसकी पांच दिन की हिरासत दे दी। ईडी ने पिछले साल दिसंबर में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

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