रॉटविलर, पिटबुल जैसे खतरनाक कुत्तों पर बैन की मांग, HC का याचिका पर सुनवाई से इनकार
अपनी PIL में याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि बुलडॉग, रॉटविलर, पिटबुल, टेरियर्स, Neapolitan Mastiff, इत्यादि खतरनाक कुत्ते हैं। इन सभी पर भारत समेत 12 से ज्यादा देशों में बैन है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कुत्तों की खतरनाक प्रजाति को पालने पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इस याचिका में मांग की गई थी कि कुत्तों की खतरनाक प्रजातियों मसलन - पिटबुल, टेरियर्स, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटविलर इत्यादि को पालने के लिए लाइसेंस को रद्द करने और इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने याचिकाकर्ता से कहा कि अदालत में याचिका दायर करने से वो पहले सरकारी प्राधिकरणों के पास जाए और अपनी बात वहां ऱखें। अदालत की इस बेंच में जस्टिस संजीव नरूला भी शामिल थे। बेंच ने कहा, 'पीआईएल में यह गलत ट्रेंड है, यह एक पॉलिसी डिसीजन है। अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, 'आप सरकार को यह बताए कि यह मेरी चिंताएं हैं लेकिन आप सीधे अदालत चले आए। आपको पहले सरकार को बताना चाहिए।
अपनी PIL में याचिकाकर्ता ने कहा है कि बुलडॉग, रॉटविलर, पिटबुल, टेरियर्स, Neapolitan Mastiff, इत्यादि खतरनाक कुत्ते हैं। इन सभी पर भारत समेत 12 से ज्यादा देशों में बैन है लेकिन दिल्ली नगर निगम इसके बावजूद इन कुत्तों को रखने के लिए रजिस्ट्रेशन कर रहा है। यह याचिका Legal Attorneys & Barrister Law Firm ने दायर किया था। इस याचिका में कुत्तों के हमले से जुड़ी कई घटनाओं का जिक्र किया गया था।
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि पिटबुल, टेरियर्स, अमेरिकन बुलडॉग, जापानी टोजा, बंडोग, नियापोलिटन मास्टिफ, वुल्फ डॉग, प्रेसा सिनारियो, फिला ब्रैसिलियेरो, तोटा ईनू, केन कोर्सो, डोगो अर्जेन्टिनो जैसे कुत्तों को पालतू बनाने पर बैन लगाया जाए।