शाही मदरसा और कब्रिस्तान कंगाल शाह के विध्वंस पर लगी रोक हटाने की मांग, DDA ने दी अहम दलीलें
आपको बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने धौला कुआं में रिज क्षेत्र में शाही मदरसा और कब्रिस्तान कंगाल शाह के विध्वंस पर लगी रोक हटाने की मांग करने वाली डीडीए की याचिका पर नोटिस जारी किया।
दिल्ली के धौला कुआं स्थित शाही मदरसा और कब्रिस्तान कंगाल शाह को ध्वस्त करने से संबंधित याचिका पर अदालत ने नोटिस जारी किया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने धौला कुआं में रिज क्षेत्र में शाही मदरसा और कब्रिस्तान कंगाल शाह के विध्वंस पर लगी रोक हटाने की मांग करने वाली डीडीए की याचिका पर नोटिस जारी किया। अदालत ने मैनेजिंग कमेटी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वो इसपर 10 दिनों के अंदर अपना जवाब दें। मामले में अब अगली सुनवाई 29 फरवरी को होगी।
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने कोर्ट में DDA की तरफ से उपस्थित वकील से पूछा, 'आप किस प्रावधान में लंबे समय से स्थित एक ढांचे को तोड़ सकते हैं।' अदालत ने पूछा कि आप किस आधार पर कार्रवाई करना चाहते हैं। डीडीए के वकील ने अदालत को बताया कि धौला कुआं के नजदीक रिज की इस जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। धार्मिक कमेटी ने इस ऐक्शन की सिफारिश की है। जज ने इसपर पूछा कि किधार्मिक कमेटी का क्षेत्राधिकार क्या है। एडवोकेट शोभना टकियार ने कहा, 'वो मदरसा संरक्षित नहीं है, इसलिए हमें मदरसा हटाने की अनुमति दी जाए।' अदालत ने पूछा, 'क्या मदरसा, मस्जिद से विशिष्ट है?' अदालत ने कहा, 'उन्हें अपना जवाब दाखिल करने दें, फिर हम देखेंगे।'
मैनेजिंग कमेटी की तरफ से एडवोकेट फुजैल अहमद अयूबी, इबाद मुश्ताक और आकांक्षा राय अदालत में मौजूद थीं। डीडीए ने अपनी याचिका में कहा कि साइट सेंट्रल रिज का हिस्सा है, जो कि एक संरक्षित वन है। यहां पर आवासीय या कमर्शियल कार्यों पर रोक है। सेंट्रल रिज शहर की जान है और वो संरक्षित किया गया है। इससे पहले जस्टिस प्रतीक जलान ने 2 नवंबर, 2023 को शाही मदरसा और कब्रिस्तान कंगाल शाह की मैनेजिंग कमेटी की दलीलें सुनने के बाद इन दोनों पर ऐक्शन लेने पर रोक लगा दी थी।