चाइनीज मांझे से हुई मौतों पर हाईकोर्ट सख्त; दिल्ली पुलिस को जांच के आदेश, बेचने वालों पर एक्शन की तैयारी
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को निर्देश दिया कि वह शहर के बाजारों और दुकानों में पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाले चीनी सिंथेटिक मांझे के निर्माण, बिक्री, खरीद और भंडारण
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को चाइनीज मांझे से हुई बाइक सवार चार लोगों की मौत के मामले में जांच करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायाालय ने दिल्ली पुलिस से व्यापक स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ ने अपराध शाखा को अगस्त 2021, जुलाई और अगस्त 2022 में हुई मौत के 4 मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है। इन मामलों में प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी है।
उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा मामले की जांच करेगी और छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल करेगी। स्थिति रिपोर्ट में बिक्री करने वाले निर्माता/आयातकों, बाजारों में जहां यह उपलब्ध है, दुकानदारों को आरोपी बनाया गया है या नहीं और प्राथमिकी की स्थिति के बारे में जानकारी शामिल होगी। सरकारी अधिकारी बाजारों का दौरा करें और दुकानदारों को चीनी मांझे के उपयोग के परिणाम और उसके कानूनी परिणामों के बारे में जागरूक करें।
उच्च न्यायालय ने कहा कि इन मौतों के मामलों में मुआवजे के पहलू पर एक उचित हलफनामा भी दायर किया जाए। चीनी मांझे के कारण किसी भी निर्दोष व्यक्ति की मौत को कर्तव्य की अवहेलना माना जाएगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बाइक सवारों की ये सभी मौतें चाइनीज मांझे द्वारा गला रेतने के कारण हुई हैं। मोटरसाइकिल में प्लास्टिक गार्ड लगाने से सुरक्षा मिल सकती है, लेकिन दिल्ली पुलिस इन गार्डों को लगाने के लिए चालान काटती है।
दिल्ली पुलिस इस संबंध में एक परामर्श जारी करेगी। अब मामले की सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि निर्माण, आपूर्ति, बिक्री, वितरण, उपयोग आदि प्रतिबंधित हैं। फिर भी, यह बाजार में उपलब्ध है और निर्दोष बाइकर्स की मौत का कारण बन रहा है। दिल्ली सरकार के अधिकारी, एसडीएम और पुलिस आदेशों का गंभीरता से पालन नहीं करा पा रहे हैं। ज्ञात रहे कि 2017 में चीनी मांझे को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था।