Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi High Court decision on EWS student admission in Kendriya Vidyalaya on other state Income Certificate

अन्य राज्यों के आय प्रमाण पत्र के आधार पर EWS छात्रों का प्रवेश नहीं रोक सकते, दिल्ली हाईकोर्ट का केंद्रीय विद्यालय को आदेश

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि केवीएस इस आधार पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी में किसी छात्र को दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकता है कि आय प्रमाण पत्र दिल्ली सरकार के बजाय दूसरे राज्य से हासिल किया गया है।

Praveen Sharma नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, Tue, 26 Dec 2023 02:26 PM
share Share

दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश से जारी आय प्रमाण पत्र पर दिल्ली स्थित केंद्रीय विद्यालय में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में प्रवेश को अनुमति दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय विद्यालय (केवी) में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में दाखिले के लिए आय प्रमाण उचित प्राधिकारी की ओर से जारी किया जाना चाहिए न कि उस राज्य सरकार की ओर से जारी किया जाए जहां स्कूल स्थित है।

छात्र को प्रवेश देने से इनकार नहीं कर सकते : हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि केवीएस इस आधार पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी में किसी छात्र को दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकता है कि आय प्रमाण पत्र दिल्ली सरकार के बजाय दूसरे राज्य से हासिल किया गया है।

जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अधिसूचित किया है कि सभी प्रासंगिक दस्तावेजों को सावधानीपूर्वक सत्यापित करने और संबंधित राज्य सरकारों की ओर से निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद, इस उद्देश्य के लिए प्रमाण पत्र राज्य में कम से कम तहसीलदार स्तर के अधिकारी द्वारा जारी किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी निर्धारित करने के उद्देश्य से वार्षिक पारिवारिक आय सीमा को अधिसूचित किया है जो आठ लाख रुपये से कम है।

हाईकोर्ट एक आवेदन की सुनवाई कर रहा था, जिसमें केवीएस (दिल्ली क्षेत्र) को याचिकाकर्ता के बेटे को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत राष्ट्रीय राजधानी के केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। उसे दाखिला देने से इनकार करने के लिए अधिकारियों ने 3 जनवरी, 2022 को जारी पत्र रद्द कर दिया गया था।

इस श्रेणी के तहत दाखिला देने की मांग की थी

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मूल निवासी याचिकाकर्ता ने शुरू में अपने बेटे के लिए ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत पहली कक्षा में प्रवेश की मांग की थी। उन्होंने कहा कि वह नौकरी के लिए दिल्ली आ गए। वे चाहते थे कि उनके बेटे को राष्ट्रीय राजधानी के केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिले। चूंकि मुकदमेबाजी के दौरान काफी समय बर्बाद हुआ, इसलिए दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे तीसरी कक्षा में प्रवेश देने का आदेश दिया है। 

अगला लेखऐप पर पढ़ें