दिल्ली में पान मसाला, गुटखा और तंबाकू पर जारी रहेगा बैन, HC ने अधिसूचना को रखा बकरार
हाई कोर्ट ने इस तरह के उत्पादों के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को बरकरार रखा है। बता दें कि दिल्ली में एम्स सहित कई ऐसे संस्थान हैं जहां तंबाकू निषेध है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजधानी में गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तम्बाकू और इसी तरह के उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले को सही ठहाराया। उच्च न्यायालय ने अपने एकल पीठ के उस फैसले को पलट दिया जिसमें पिछले साल सरकार द्वारा राजधानी में गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तम्बाकू और इसी तरह के उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के आदेश को खारिज कर दिया था।
पिछले साल सितंबर में, एकल पीठ ने गुटका, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू और इसी तरह के उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर प्रतिबंध यह कहते हुए हटा दिया था कि यह एक यांत्रिक तरीके से अधिसूचना जारी किया गया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में गुटखा, पान मसाला और सुंगधित तंबाकू के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट ने इस तरह के उत्पादों के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस ऑफ दिल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच ने 27 सितंबर, 2022 को सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया है इसमें गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू के निर्माण से संबंधित कई नोटिफिकेशन को रद्द करने की बात कही गई थी।
इन उत्पादों के स्टोरेज और बिक्री पर रोक लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त की तरफ से अधिसूचना जारी की गई थी। दिल्ली में सालों से तंबाकू कारोबार में लगे लोगों ने दिल्ली सरकार की अधिसूचना के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उस वक्त साल 2022 में कोर्ट का फैसला कारोबारियों के पक्ष में गया था। लेकिन अब एक बार फिर तंबाकू उत्पादों को लेकर सरकार की अधिसूचना को अदालत की अहम बेंच ने बरकरार रखा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई ऐसे संस्थान हैं, जहां पहले से इन तंबाकू उत्पादों पर रोक है। इसमें एम्स भी शामिल है। पिछले ही साल दिल्ली के एम्स को तंबाकू फ्री जोन भी घोषित कर दिया गया था।