तीन दिन में दूसरी बार आया भूकंप, दिल्ली में क्यों बार-बार महसूस हो रहे झटके; सहमे लोग
दिल्ली में तीन दिन में दूसरी बार महसूस किए गए भूकंप के झटकों से राजधानी के लोग सहम गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
एक वर्ष के अंदर नेपाल में आए पांच बड़े भूकंप से राजधानी के लोग भी सहम गए हैं। इनकी तीव्रता इतनी ज्यादा रही है कि इन्हें एनसीआर तक महसूस किया गया। बीते तीन दिन में ही भूकंप के दो झटके दिल्ली तक महसूस किए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सोमवार को भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। हालांकि, किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र के मुताबिक, सोमवार की शाम चार बजकर 16 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र सतह से दस किलोमीटर नीचे नेपाल में था। इसकी तीव्रता 5.6 आकी गई। इतनी तीव्रता होने के चलते ही इसे दूर-दूर तक महसूस किया गया। इससे पूर्व तीन नवंबर की रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका भी केंद्र नेपाल और तीव्रता 6.4 थी। एक वर्ष के अंदर इस क्षेत्र में पांच बड़े भूकंप महसूस किए जा चुके हैं, जिनकी तीव्रता पांच से ऊपर आकी गई है।
हिमालयी क्षेत्र में भूगर्भीय हलचलें ज्यादा हो रहीं
राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र में विज्ञानी जेएल गौतम बताते हैं कि हिमालयी क्षेत्र में हिन्दुकुश से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक इंडियन और यूरेशियन प्लेट का टकराव हो रहा है। इसके चलते इस क्षेत्र में भूकंप आते हैं। इन दिनों नेपाली हिमालयी क्षेत्र में भूगर्भीय हलचलें ज्यादा देखने को मिल रही हैं। वे बताते हैं कि भूकंप से होने वाला नुकसान भवनों के ढांचे पर निर्भर करता है। अगर भवनों का निर्माण नियमों का पालन करते हुए किया जाए तो ये काफी हद तक सुरक्षित होते हैं।
लोगों का क्या है कहना
पीतमपुरा निवासी नवीन ने कहा, 'भूकंप के वक्त एक बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में था। झटके महसूस होते ही बाहर आ गया। यह चिंताजनक स्थिति है। राजधानी में भूकंप से बचाव के लिए इमारतों में उचित उपाय करने चाहिए।'
प्रशांत विहार निवासी रवि ने कहा, 'विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली सिस्मिक जोन-4 में है। ऐसे में भूकंप के लिहाज से राजधानी में कई जगहों पर अवैध निर्माण के तहत इमारतें बनी हैं। इसका सर्वे कराया जाए। सभी सरकारी विभाग समन्वय के साथ सर्वे करें।'
पटेलनगर निव्सी रोहित ने कहा, 'कोरोनाकाल से लेकर अब तक कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। सरकार को नई तकनीक का उपयोग करते हुए भूकंप अवरोधी इमारतें बनानी चाहिए।'
प्रताप बाग निवासी नितिन राणा ने कहा, 'दिल्ली-एनसीआर की स्थिति भूकंप के लिहाज से बेहद खतरनाक है। केंद्र अवैध इमारतों के निर्माण की सख्त निगरानी करें और इमारतों की संरचना की भी जांच कराए।'