Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi: All buses will have e-ticketing facility in the next one month

दिल्ली : अगले एक महीने में सभी बसों में होगा ई-टिकटिंग की सुविधा

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हमारी कोशिश है अगले एक महीने में दिल्ली एनसीआर में चलने वाली सभी डीटीसी बसों में कांटेक्ट लेस ई-टिकटिंग शुरू कर दी जाएगा। वह ई-टिकटिंग ऐप चार्टर के चल...

Shivendra Singh वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्लीSat, 12 Sep 2020 10:42 AM
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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हमारी कोशिश है अगले एक महीने में दिल्ली एनसीआर में चलने वाली सभी डीटीसी बसों में कांटेक्ट लेस ई-टिकटिंग शुरू कर दी जाएगा। वह ई-टिकटिंग ऐप चार्टर के चल रहे दूसरे चरण के ट्रायल का जाएजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि अब तक इस ऐप से कुल टिकट का 6 फीसदी टिकट इससे खरीदा गया है। क्लस्टर की 320 से अधिक बसों में इसका ट्रायल चल रहा है।

कैलाश गहलोत ने परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ 429 नंबर मार्ग के बस में सफर किया। इस दौरान चार्टर ऐप से टिकट भी खरीदा। उन्होंने कहा कि यह बेहद आसान है मैंने महज कुछ सेकेंड में टिकट खरीद लिया है। मुझे की लाइन कंडक्टर के बास जाने की जरूरत नहीं पड़ी। यात्री बस में चढ़ने के बाद इस मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-टिकट ले सकते है। गूगल प्ले स्टोर पर यह ऐप उपलब्ध है। यात्री चाहे तो ऐप का लिंक मंगाने के लिए व्हाट्सऐप नंबर 9910096264 पर HI लिखकर भेज सकते है।

परिवहन अधिकारियों ने बताया कि इस एप में यात्री बस के सभी स्टॉपेज के साथ उस स्टॉप स्टॉप का नाम लिखकर यह भी देख सकता है की अगले आधे घंटे में कौन-कौन सी बसें आने वालीं हैं । बस में यात्रा के दौरान यात्रा के अपेक्षित समय को रियल टाइम में अपडेट किया जाता है। यात्री जैसे ही अपने गंतव्य पर पहुंचता है, वैसे ही टिकट अमान्य हो जाता है। ऐप से एक बार में 3 टिकट खरीद सकता है। महिला एक बार में एक पिंक टिकट खरीद सकती है। ऐप अब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं को सपोर्ट करता है।

बताते चले कि परिवहन विभाग क्लस्टर बसों में कॉन्टैक्टलेस ई-टिकटिंग ऐप 'चार्टर ' के परीक्षण का दूसरा चरण शुरू किया है। ट्रायल परिवहन मंत्री द्वारा गठित एक विशेष टास्कफोर्स द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा, जिसमे परिवहन विभाग, इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड, दिल्ली परिवहन निगम और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञ शामिल हैं। पहले चरण के ट्रायल के दौरान एप में जो भी कमियां सामने आईं थीं उन्हे ट्रायल के इस दूसरे चरण में दूर कर दिया गया है।

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