मैं जज से नहीं कहूंगा कि...; CJI चंद्रचूड़ ने ठुकरा दी सत्येंद्र जैन की डिमांड
Satyendra Jain: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका से जुड़े मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका से जुड़े मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। जैन की याचिका दूसरी बेंच के सामने लंबित होने की दलील देकर की गई अपील को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि वह कोर्ट में सूचीबद्ध किसी केस में जज को निर्देश नहीं देंगे कि उन्हें क्या करना चाहिए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका गुरुवार को सुनवाई के लिए जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया था। पिछले दो मौकों पर जब मामला इस बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया था तो जैन के वकील ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा था कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस एएस बोपन्ना और बेला एम त्रिवेदी विशेष पीठ कर रही थी और फिर उनके सामने ही रखा जाए। जस्टिस बोपन्ना इस समय अस्वस्थ होने की वजह से अवकाश पर हैं।
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ के सामने पेश हुए और जस्टिस बोपन्ना की पीठ के सामने केस को सूचीबद्ध किए जाने पर स्पष्टीकरण की मांग की। सीजेआई शुरू में शाम को अपील की जांच और फिर आदेश पारित करने के लिए सहमत हुए। जब सिंघवी ने कहा कि गुरुवार को यह मामला जस्टिस त्रिवेदी की बेंच के सामने सूचीबद्ध है तो चीफ जस्टिस ने कहा, 'यदि यह जज के सामने सूचीबद्ध है तो उन्हें इस पर फैसला करना है।' सीजेआई ने कहा, 'मैं जज को निर्देश नहीं दे सकता कि क्या करना है। जज कोर्ट के प्रभारी हैं। हम जज को कोई निर्देश पारित नहीं करने जा रहे हैं।'
ईडी की ओर से पेश हुए अडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि जैन 26 मई से ही मेडिकल बेल पर हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले को आगे लंबित किया जाता है तो अंतरिम जमानत आदेश को रद्द किया जाए। जस्टिस त्रिवेदी की अगुआई वाली बेंच ने सोमवार को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री की अंतरिम जमानत को गुरुवार तक बढ़ा दिया था और उनके वकील को अनुमति दी थी कि वह इसकी लिस्टिंग को लेकर सीजेआई से स्पष्टीकरण जान लें। 4 दिसंबर को भी जैन की ओर से यही आपत्ति की गई थी। जस्टिस त्रिवेदी ने रजिस्ट्री की जांच की और सिंघवी को बताया था कि इस केस को नियमित रूप से उनके सामने सूचीबद्ध किया गया है और इसका मतलब है कि इसी बेंच में सुनवाई होगी।