बाइक बोट की तरह कई राज्यों में फर्जी कम्पनी खोलकर की ठगी, अब तक 122 लोगों ठगे जाने का खुलासा
नोएडा में बाइक बोट घोटाले की तर्ज पर शातिर लोग अब देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी कंपनियां खोलकर जालसाजी कर रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह ने नोएडा के अलावा कई शहरों में...
नोएडा में बाइक बोट घोटाले की तर्ज पर शातिर लोग अब देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी कंपनियां खोलकर जालसाजी कर रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह ने नोएडा के अलावा कई शहरों में अपनी फर्जी कंपनियां खोल रखी हैं, जिनके माध्यम से शातिर अलग-अलग तरीके से ठगी कर रहे हैं। पुलिस को हरियाणा में दो संदिग्ध कंपनी का पता चला है। जल्द ही उन पर छापेमारी की जाएगी।
नोएडा में बाइक बोट घोटाले की तरह ही ठगी का एक और मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को सेक्टर-62 गोल चक्कर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनके नाम बागपत के वाजिदपुर निवासी दीपक चौधरी और विपिन तोमर हैं। इसके अलावा तीसरे आरोपी को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों ने मार्च 2020 में सेक्टर-63 के सी ब्लॉक में यात्रा कार सर्विसेज और ई-बाइक के नाम से फर्जी कंपनी बनाई थी।
आरोपियों ने झांसा दिया था कि उनकी कंपनी का उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) से अनुबंध है। यूपीएसआरटीसी में कार लगाने के नाम पर प्रति व्यक्ति चार लाख रुपये का निवेश करने को कहा था। इसके बाद प्रतिमाह 25 हजार रुपये देने का वादा शातिरों ने किया था। इस तरह ठगों ने 122 लोगों से करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी की। अब पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह ने देश के विभिन्न शहरों में फर्जी कंपनी खोलकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। पुलिस की कई टीमों को संबंधित कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाने में लगा दिया गया है।
गुरुग्राम में मिली दो संदिग्ध कंपनी
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गिरोह ने गुरुग्राम में भी दो संदिग्ध कंपनी खोल रखी थीं। इनके माध्यम से निवेशकों को लालच दिया जाता था कि उनकी गाड़ी को कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में लगाया जाएगा। निवेशक को न तो कार की किश्त देनी पड़ेगी, जबकि प्रतिमाह किराया दिया जाएगा। हालांकि, पुलिस दोनों कंपनी के नाम बताने से बच रही है, ताकि आरोपी भनक लगने के बाद फरार न हो जाएं। उनकी तलाश में टीमें जगह छापेमारी कर रही हैं।
आरोपियों के खातों में 50 लाख से ज्यादा की रकम
पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बैंक खाते खंगाले। बैंक से पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों के खातों में 50 लाख रुपये से ज्यादा की रकम है। अब पुलिस आरोपियों से पैसे के स्त्रोत के बारे में जानकारी जुटा रही है, ताकि पता चल सके कि आरोपियों के बैंक खाते में किस माध्यम से रुपये ट्रांसफर किए गए। फिर ट्रांसफर करने वाले खातों के मालिक के बारे में पता लगाया जाएगा।
नोएडा में बनाया ठिकाना
गिरोह ने नोएडा को ठगी का ठिकाना बना रखा है। पुलिस को आशंका है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी एक ही गिरोह से संबंधित हैं। इसे लेकर पुलिस आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटा रही है। पुलिस आरोपियों की मोबाइल कॉल डिटेल सहित अन्य जानकारी खंगाल रही है। इससे पुलिस को सबूत मिलेगा कि गिरफ्तार आरोपी एक-दूसरे के संपर्क थे या नहीं। साथ ही पुलिस आरोपियों से बरामद किए गए कंप्यूटर की भी डिटेल खंगाल रही है। पुलिस ने ठगी की रकम का पता लगाने के लिए आरोपियों के बैंक खातों में जमा रकम का पता लगाना शुरू कर दिया है।
''विभिन्न थानों की पुलिस फर्जी कंपनी खोलकर लोगों से ठगी करने वाले आरोपियों की लगातार गिरफ्तारी कर रही है। अभी कई कंपनी पुलिस के लिए संदिग्ध हैं। उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही पुलिस छापेमारी करेगी।'' -रणविजय सिंह, एडीसीपी