बिपरजॉय तूफान के असर से दिल्ली भी भीगी, 3 दिन तक दिखेगा असर; तेज हवाओं और बारिश का अलर्ट
राजधानी दिल्ली में भी बिपरजॉय तूफान का असर देखने को मिला। इस कारण कई जगहों पर शुक्रवार को दोपहर बाद तेज हवा के साथ हल्की बारिश हुई। इसके चलते लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली।
राजधानी दिल्ली में भी बिपरजॉय तूफान का असर देखने को मिला। इस कारण कई जगहों पर शुक्रवार को दोपहर बाद तेज हवा के साथ हल्की बारिश हुई। इसके चलते लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिन राजधानी में पश्चिमी विक्षोभ और बिपरजॉय का असर दिखेगा। हल्की बूंदाबांदी और तेज हवा का दौर बने रहने की संभावना है।
दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में सुबह तेज धूप निकली। दोपहर तक लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा। हालांकि, दस बजे के बाद बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। दो बजे के बाद दिल्ली के कई हिस्सों में तेज हवा के साथ हल्की बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में दिन का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस रहा। यहां पर आर्द्रता का स्तर 87 से 42 फीसदी तक रहा।
मौसम की एक साथ दो गतिविधियों से राहत राजधानी के मौसम पर भी अरब सागर में उठे तूफान बिपारजॉय का असर दिखेगा। दरअसल, यह तूफान तट से टकराकर टूट तो गया है, लेकिन इसके चलते बने नमी वाले बादल राजस्थान की तरफ आ रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि रविवार और सोमवार को दिल्ली के मौसम पर तूफान का असर दिखेगा। इस दौरान एक पश्चिमी विक्षोभ का असर भी दिल्ली के मौसम पर रहेगा। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
तापमान चालीस से नीचे रहने के आसार दिल्ली वालों को अभी गर्मी से खासी राहत रहेगी। सोमवार को तो अधिकतम तापमान के 34 डिग्री तक रहने का भी अनुमान है।
जलभराव के चलते यातायात प्रभावित दिल्ली में हल्की बारिश के बाद भी कई जगहों पर जलभराव हो गया। इसके चलते वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ा। यातायात पुलिस ट्वीट कर जलभराव की जानकारी दी थी, ताकि लोग वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग कर सकें। दोपहर बाद हुई हल्की बारिश के बाद रंगपुरी चौराहे के पास जलभराव होने से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। यातायात पुलिस ने लोगों को यातायात जाम से बचाने के बचाने के ट्वीट के जरिए इसकी सूचना दी। इसमें कहा गया कि रंगपुरी चौराहे के पास जलभराव के कारण एनएच-48, गुरुग्राम से आईजीआई हवाई अड्डे की ओर जाने वाले मार्ग पर यातायात प्रभावित है।
हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ
बारिश और तेज हवा का असर दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर भी पड़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 119 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। अगले तीन दिनों के दौरान भी वायु गुणवत्ता का स्तर इसी के आसपास रहने का अनुमान है।
सफर का प्रदूषण पूर्वानुमान नब्बे फीसदी सटीक रहाप्रदूषण को लेकर लगाया गया पूर्वानुमान नब्बे फीसदी तक सटीक रहा है। वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) ने पिछले वित्त वर्ष में पूर्वानुमान और वास्तविक स्थिति को लेकर जारी ग्राफ में इसका दावा किया है।
तीन दिन की स्थिति जारी करता है सफर
केंद्र सरकार की ओर से संचालित संस्था सफर की ओर से अगले तीन दिन प्रदूषण की स्थिति क्या रहने वाली है, इसका पूर्वानुमान भी जारी किया जाता है। सफर के मुताबिक, प्रदूषण को लेकर पूर्वानुमान नब्बे फीसदी तक सही रहा है। अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 के बीच प्रदूषण की स्थिति को लेकर किए गए ज्यादातर पूर्वानुमान ठीक रहे हैं। सफर ने पूर्वानुमान और वास्तविक प्रदूषण के स्तर को लेकर ग्राफ जारी किया है। पिछले वित्त वर्ष में सालभर के औसत के तौर पर पीएम 2.5 स्तर के बारे में पूर्वानुमान 81.8 पर रहा था, जबकि वास्तविक प्रदूषण का औसत स्तर 82.1 रहा। पीएम 10 के लिए औसत प्रदूषण का स्तर का पूर्वानुमान 147.9 रहा था। इसकी तुलना में वास्तविक तौर पर प्रदूषण का स्तर 175.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा।
क्यों महत्वपूर्ण है पूर्वानुमान
दिल्ली एनसीआर में अक्तूबर से फरवरी के बीच आमतौर पर ग्रैप लागू किया जाता है। इसमें प्रदूषण के स्तर के अनुसार अलग-अलग पाबंदियां लगाई या हटाई जाती हैं। पहले प्रदूषण का स्तर बढ़ने या घटने के बाद ग्रैप की पाबंदियों पर निर्णय लिया जाता था, लेकिन बीते अक्तूबर से पूर्वानुमान के आधार पर ग्रैप की पाबंदियों को लगाने या हटाने का निर्णय लिया गया।
देसी मॉडल से कामयाबी
सफर के संस्थापक एवं परियोजना निदेशक रहे डॉ. गुफरान बेग बताते हैं कि सफर की ओर से बारह वर्षों से प्रदूषण की स्थिति का अनुमान लगाया जाता रहा है। सफर ने प्रदूषण को लेकर अपना देसी मॉडल विकसित किया है। इसमें हवा की दिशा के पैटर्न जैसे मानकों के आधार पर पूर्वानुमान लगाते हैं।