NCR के 2 शहरों को बड़ी राहत, गुरुग्राम-फरीदाबाद में अब पार्किंग के साथ बना सकेंगे 4 मंजिला भवन; ये हैं शर्तें
हरियाणा सरकार ने मंगलवार को पार्किंग के साथ चौथी मंजिल का निर्माण करने की मंजूरी शर्तों के तहत दे दी। भूखंड के सामने 10 मीटर या इससे चौड़ी सड़क है तो चौथी मंजिल का निर्माण किया जा सकता है।
एनसीआर में आने वाले फरीदाबाद और गुरुग्राम शहर के लोग फिर से स्टिल्ट पार्किंग सहित चार मंजिला (स्टिल्ट+4) भवन बना सकेंगे। हरियाणा सरकार ने एक साल बाद इस नीति पर लगाई रोक को कुछ शर्तों के साथ हटा दिया है। पुरानी कॉलोनियों में भी यह नीति लागू होगी।
हरियाणा के नगर एवं आयोजना और शहरी संपदा मंत्री जे.पी. दलाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंगलवार को यह घोषणा की। सरकार के इस निर्णय से आम जनता को काफी फायदा होगा। जेपी दलाल ने कहा कि ऐसी कॉलोनियों और सेक्टरों में, जहां लेआउट प्लान प्रति प्लॉट तीन आवासीय इकाइयों के साथ मंजूर है, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों, जिनके पास 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क है, उनमें भी कुछ शर्तों के साथ स्टिल्ट+4 मंजिल के निर्माण की अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि ऐसी कॉलोनियों में, जहां व्यक्ति अब एस+4 का निर्माण करना चाहता है, तो उस स्थिति में मालिक को पहले पड़ोसियों से सहमति प्राप्त करनी होगी। यदि पड़ोसी सहमति प्रदान नहीं करते हैं तो वह व्यक्ति साथ लगते मकान से सभी मंजिलों के लिए 1.8 मीटर की जगह (साइड सेटबैक) छोड़कर एस+4 का निर्माण कर सकता है। हालांकि सरकार ने यह प्रावधान किया है कि यदि पड़ोसी एस+4 के निर्माण के लिए अपनी सहमति नहीं देता है, तो वह स्वयं भी भविष्य में एस+4 का निर्माण करने के लिए अपात्र होगा।
250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के प्लॉटों पर नहीं दी जाएगी बेसमेंट की अनुमति : जेपी दलाल ने कहा कि किसी भी स्थिति में 10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के प्लॉटों पर बेसमेंट के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्लॉट पर पहले से 3 मंजिल व बेसमेंट बनाने की अनुमति है तथा अब स्टिल्ट+4 निर्माण की अनुमति ली गई है, तो बेसमेंट के निर्माण और कॉमन दीवार पर भार का डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, ऐसे मामलों में आसपास के प्लॉट मालिकों की आपसी सहमति से बेसमेंट के निर्माण और कॉमन दीवार पर भार डालने की अनुमति होगी। इसके अलावा, यदि बिल्डिंग प्लान के अनुमोदन और निर्माण के लिए आवासीय प्लॉटों की पूरी पंक्ति को एक बार में बनाया जाता है, तो कॉमन दीवार के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
पोर्टल किया जाएगा विकसित : सरकार ने उपरोक्त नीति का फायदा उठाने के लिए एक पोर्टल बनाने का भी फैसला किया है। जहां लोग अनुमति लेने के अलावा इससे संबंधित सूचना भी हासिल कर सकेंगे। मंत्री ने बताया कि स्टिल्ट क्षेत्र के कवर करने की पद्धति को समाप्त करने के लिए, भविष्य में बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देते समय या कब्ज़ा प्रमाण पत्र प्रदान करते समय, शर्त लगाई जाएगी कि यदि स्टिल्ट क्षेत्र में पूर्णत या आंशिक रूप से कवर हुआ है तो बिल्डिंग प्लान की मंजूरी या कब्जा प्रमाण पत्र का अनुमोदन वापस लिया माना जाएगा। इसके अलावा लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए हर विभाग में एक ग्रीवेंस कमेटी का भी गठन किया जाएगा।
यह है मामला
दरअसल, लोगों के विरोध के चलते हरियाणा सरकार ने पिछले साल 23 फरवरी को स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला भवन बनाने की अपनी नीति पर रोक लगा दी थी। साथ ही उपरोक्त नीति के तहत जो नक्शा पास कर दिए थे और जो आवेदन आये थे, उनको भी अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया था। सरकार के इस फैसले का काफी लोगों ने स्वागत किया तो कुछ लोगों ने विरोध भी किया। बहरहाल, सरकार ने अब इस मामले की समीक्षा के लिए कमेटी बना दी थी।
1178 करोड़ विकास कार्यों पर खर्च होंगे
पार्किंग के साथ चौथी मंजिल की अनुमति देने की एवज में 1178.95 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित हुई है। इसमें नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के पास 689.8 करोड़, एचएसवीपी के पास 466.3 करोड़, एचएसआईआईडीसी के पास 2.62 करोड़ रुपये, शहरी निकाय विभाग के पास 20.23 करोड़ रुपये शामिल हैं। इन राशियों को सेक्टर की आधारभूत संरचना को मजबूत करने और देखरेख पर खर्च किया जाएगा।
नगर निगम के रिटायर्ड वरिष्ठ योजनाकार रवि सिंघला ने कहा, ''सरकार की इस नीति से लोगों को फायदा होगा। मकान की कीमत कम होगी। लोगों का लिविंग बेहतर होगा। हालांकि, सरकार को मूलभूत सुविधा देने के लिए आधारभूत ढांचा सुधारना होगा।''
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