BBC डॉक्यूमेंट्री मामला : NSUI नेता पर प्रतिबंध को रद्द करने वाले फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा डीयू
डीयू ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुघ पर विश्वविद्यालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के फैसले को रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए शुक्रवार को हाईकोर्ट की डबल जज बेंच का रुख किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुघ पर विश्वविद्यालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के फैसले को रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट की डबल जज बेंच का रुख किया है।
हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने कैंपस में 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के एक विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में कथित संलिप्तता को लेकर एनएसयूआई के नेता पर एक साल का प्रतिबंध लगाने के फैसले को रद्द कर दिया था।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस नाजमी वजीरी की पीठ ने हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच के आदेश के खिलाफ डीयू की ओर से दाखिल याचिका पर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव एवं पीएचडी छात्र लोकेश चुघ को नोटिस जारी किया है।
चुघ ने 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' के प्रदर्शन में कथित संलिप्तता को लेकर उसे एक साल के लिए प्रतिबंधित करने के डीयू के फैसले के खिलाफ अप्रैल में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
केंद्र सरकार ने बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे। विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को 'दुष्प्रचार के एक माध्यम' के रूप में वर्णित किया था, जिसमें निष्पक्षता का अभाव है और जो औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।
डीयू के रजिस्ट्रार ने मार्च में चुघ को एक मेमो जारी किया था, जिसके तहत उनके 'एक साल के लिए विश्वविद्यालय, कॉलेज या विभाग की किसी भी परीक्षा' में शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी।
हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने 27 अप्रैल को इस फैसले पर रोक लगा दी थी। उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि यह फैसला प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है और 'प्रशासनिक प्राधिकारी द्वारा इसके कारण बताए जाने आवश्यक हैं।' मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख तय की गई है।