केजरीवाल ने कहा, नए कॉलेज खोलने में बाधा बन रहा अंग्रेजों का बनाया दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट
अंग्रेजों के बनाए दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट (Delhi University Act) में बदलाव की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है। केजरीवाल के...
अंग्रेजों के बनाए दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट (Delhi University Act) में बदलाव की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है। केजरीवाल के बताया कि आखिर कैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट नए कॉलेज खोलने में बाधा बन रहा है।
केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हर साल दिल्ली में 2.50 लाख बच्चे बारहवीं पास करते हैं, लेकिन 1.25 लाख बच्चों को ही दाखिला मिल पाता है। बाकी बच्चे दाखिले के लिए भटकते रहते हैं। दिल्ली में जो मौजूदा कॉलेज हैं उनमें सिर्फ 50 फीसदी बच्चों के लिए जगह है। ऐसे में बाकी बच्चे कैसे दाखिला पाएंगे। दिल्ली में इस समय बहुत सारे कॉलेज व विश्वविद्यालय खोलने की जरूरत है, जिससे सभी बच्चों को उच्च शिक्षा मिल सके।
केजरीवाल ने कहा कि जो छात्र दिल्ली में 12वीं पास करने के बाद कॉलेज में दाखिला लेने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। अगर 100 फीसदी का कटऑफ है तो वह आगे कहा जाएंगे, जिन बच्चों को 90, 80, 70 फीसदी नंबर मिले हैं, उन्हें भी उच्च शिक्षा का अधिकार है। वह बच्चे कहां जाएंगे। उनमें बच्चों की गलती नहीं है। अभी तक जो भी सरकार राज्य में आईं केंद्र में आई उनकी गलती है। उसकी सजा बच्चों को मिल रही है क्योंकि दिल्ली में सीटों की कमी है और बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। केजरीवाल ने कहा कि जिस तेजी से बच्चों की संख्या बढ़ रही है। उसी तेजी से कॉलेज की संख्या में बढ़नी चाहिए।
अंग्रेजों ने 1922 में बनाया था डीयू एक्ट
हम यह सब खोलने के लिए तैयार हैं। इन्वेस्टमेंट के लिए तैयार हैं। मगर हमारे सामने सबसे बड़ी कानूनी अड़चन है। डीयू में 91, आईपी के अंदर 100 से अधिक शिक्षण संस्थान आते हैं। दिल्ली राज्य के 9 विश्वविदयालय हैं। इसके अलावा जेएनयू है। डीयू एक्ट 1922 में अंग्रेजों ने बनाया था। उसी के तहत डीयू बना था। डीयू एक्ट में लिखा है कि अगर कोई नया कॉलेज दिल्ली में खुलेगा तो वह सिर्फ दिल्ली विश्वविद्यालय से ही एफिलिएशन ले सकता है। यही वजह है कि बीते 30 साल से एक भी नया कॉलेज डीयू की ओर से नहीं खोला गया है क्योंकि उनका कोटा फुल हो गया है। उनकी क्षमता उतनी ही है।
डीयू एक्ट सेक्शन 5 (2) के तहत कोई नया कॉलेज खुलेगा तो वह डीयू के अंदर ही आएगा। कोई नया विश्वविदायलय व कॉलेज नहीं खुल सकता है। 1998 में जरा सा संशोधन करके कहा गया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ आईपीयू के साथ एफिलिएशन हो सकता है। वहां सिर्फ प्रोफेशनल कोर्स होते हैं, ग्रेजुएशन नहीं होता है, इसलिए जरूरी है कि अंग्रेजों के इस कानून को बदला जाए, जिससे उच्च शिक्षा सभी तक पहुंचाया जा सके। हम बहुत सारे कॉलेज व विश्वविद्लाय बनाना चाहते हैं।
दिल्ली सरकार ने निशंक को लिखा पत्र
इसके लिए हमने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है, जिसमें इस एक्ट में संशोधन की मांग की गई है जिससे नए कॉलेज व विश्वविद्यालय खोले जा सकें। दिल्ली में देश के बाहर से भी बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। बच्चों के ऊपर बहुत प्रेशर है। उन्हें 98 फीसदी नंबर लाने के बाद भी दाखिला नहीं मिल पाता है, इसलिए हमें यह ठीक करना होगा। हमे नए कॉलेज बनाने होंगे। हमें सिस्टम को ठीक करना पड़ेगा।