Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Aftab Narco Test why to show On TV court in Shraddha Murder Case tell aajtak about fundamental rights

श्रद्धा मर्डर केस: आफताब का नार्को टेस्ट टीवी पर क्यों दिखाना? सवाल पूछ मौलिक अधिकार पर कोर्ट ने कही यह बात

हाई कोर्ट ने अर्जी पर नोटिस जारी किया और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। अदालत ने अर्जी की सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख निर्धारित की। मुख्य याचिका की भी सुनवाई पहले से ही इसी तारीख को निर्धारित है।

Devesh Mishra भाषा, नई दिल्लीWed, 24 May 2023 08:29 PM
share Share

दिल्ली हाई कोर्ट ने 'आजतक' न्यूज चैनल से बुधवार को पूछा कि वह श्रद्धा वालकर हत्याकांड के मुख्य आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के 'नार्को टेस्ट' की रिकॉर्डिंग का प्रसारण क्यों करना चाहता है। न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने समाचार चैनल की एक अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। अर्जी में, अदालत के 19 अप्रैल के उस आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया है जिसमें सभी समाचार चैनल को मामले से जुड़ी किसी भी सामग्री को प्रदर्शित या प्रसारित करने से रोक दिया गया था।

हाई कोर्ट ने अर्जी पर नोटिस जारी किया और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। अदालत ने अर्जी की सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख निर्धारित की। मुख्य याचिका की भी सुनवाई पहले से ही इसी तारीख को निर्धारित है। दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने चैनल की अर्जी का विरोध किया और कहा कि वह जवाब दाखिल करेंगे।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि देश में रोजाना 20 हत्याएं होती हैं और इस मामले से भी कहीं ज्यादा जघन्य मामले हैं। पीठ ने पूछा, 'इस मामले में (आखिर) ऐसा क्या खास है? क्या निर्भया मामला टीवी चैनल पर चलाया गया था? आप इस विशेष मामले को ही क्यों चुन रहे हैं?' अदालत ने पूछा कि क्या चैनल इसी तरह अतीक अहमद हत्याकांड की जांच के घटनाक्रम को दिखाएगा। अदालत ने चैनल के वकील से सुनवाई की अगली तारीख (तीन अगस्त) को सवालों का जवाब देने को कहा।

चैनल के वकील ने दलील दी कि श्रद्धा हत्याकांड में सूचना के प्रसार पर रोक के कारण उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। वकील की दलील का जवाब देते हुए अदालत ने सवाल किया, 'जो मामला विचाराधीन है उसे टीवी पर प्रदर्शित करना (क्या) यह आपका मौलिक अधिकार है? अदालतों में लंबित कितने आपराधिक मामले टीवी पर दिखाए जा रहे हैं?'

अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के लिए जल्द तारीख तय करने से इनकार करते हुए कहा कि मुख्य मामले में पहले से तय तारीख पर सुनवाई की जाएगी। उच्च न्यायालय ने 19 अप्रैल के अपने आदेश में केंद्र को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर याचिका के निस्तारण तक कोई समाचार चैनल इस तरह की सामग्री प्रदर्शित न करे।

गौरतलब है कि आफताब पूनावाला पर पिछले साल 18 मई को दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपनी 'लिव-इन पार्टनर' श्रद्धा का गला घोंटने और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को मामले में 6,629 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था।

अगला लेखऐप पर पढ़ें