साढ़े 5 हजार खरीदारों के घर का सपना होगा पूरा, हाईकोर्ट से किसानों को लगा बड़ा झटका
हाईकोर्ट ने यीडा के नौ गांवों की किसानों की अधिग्रहण को चुनौती देने वाली 150 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अब किसानों को मुआवजा और सात प्रतिशत आबादी के प्लॉट मिल सकेंगे।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के नौ गांवों की किसानों की अधिग्रहण को चुनौती देने वाली 150 याचिकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अब किसानों को मुआवजा और सात प्रतिशत आबादी के प्लॉट मिल सकेंगे। इन गांवों में 1877 हेक्टेयर जमीन में से 332 हेक्टेयर जमीन फंसी हुई थी। इसमें यीडा के पांच सेक्टर के 5500 आवंटियों के प्लॉट थे। अब जल्द ही इनको प्लॉट मिल सकेंगे।
यीडा ने 2009 और 2010 में 20 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिकतर किसानों ने मुआवजा लेकर जमीन पर कब्जा दे दिया था, लेकिन इन गांवों के सैकड़ों किसानों ने जमीन अधिग्रहण के अर्जेंसी क्लाज को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। करीब 500 याचिकाएं अदालत में दायर की गईं। अदालत जाने वाले किसानों ने मुआवजा नहीं लिया। इसके चलते जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया। हालांकि, इन गांवों की जमीन पर प्राधिकरण ने सेक्टर तय कर दिए और योजना निकाल दी। योजना के जरिये प्लॉट आवंटित कर दिए गए।
इस मामले में नौ गांवों पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इन गांवों की 150 याचिकाओं पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। आदेश में अदालत जमीन अधिग्रहण को सही माना है। अब किसानों को मुआवजा मिलेगा। साथ ही अतिरिक्त मुआवजा यमुना प्राधिकरण देगा।
समस्याएं खत्म होंगी : अदालत ने जिन नौ गांवों पर अपना फैसला सुनाया है, उससे सेक्टर-16, 17, 18, 20 और 22 ई के आवंटियों को राहत मिलेगी। इसके चलते 5500 आवंटियों को भूखंड नहीं मिल रहे थे। इसमें संस्थागत आवंटी भी शामिल हैं। वहीं, इन सेक्टर की पेरीफेरी (चारों ओर) रोड भी नहीं बन पा रही थी। फैसला आने के बाद ये समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
उम्मीद : दिसंबर तक मिलेंगे प्लॉट
जिन नौ गांवों के लिए फैसला आया है, उनके किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा एडीएम एलए के यहां से मिलेगा। मुआवजा देकर प्राधिकरण जमीन पर कब्जा ले लेगा। इसके बाद इन प्लॉट को विकसित करके आवंटियों को दिया जाएगा। उम्मीद है कि इस साल दिसंबर तक ये प्लॉट आवंटियों को दे दिए जाएंगे।
11 गांवों की सुनवाई जारी
अदालत में अभी 11 गांवों की सुनवाई चल रही है। जुलाई महीने में इस पर फैसला आने की उम्मीद है। उम्मीद है कि यह फैसला भी किसानों और प्राधिकरण दोनों को राहत देगा। इन गांवों के किसानों को भी मुआवजा मिलने के बाद इन गांव में आने वाले सेक्टर में अटके भूखंड का रास्ता साफ हो सकेगा।
-डॉ. अरुणवीर सिंह, (सीईओ यमुना प्राधिकरण) ने कहा, ''नौ गांवों की जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने के मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है। अब किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इससे रुकी परियोजनाएं पूरी होंगी।''
दो माह में मुआवजा मिलेगा
यीडा ने 2009 से 22 महीने के भीतर अधिग्रहण के लिए 22 नोटिफिकेशन निकाले थे। अर्जेंसी क्लाज के विरोध में 2010 से 2015 तक किसान हाईकोर्ट गए और कहा कि प्रक्रिया शुरू करने से पहले उनकी राय नहीं ली गई। इसके चलते इन नौ गांवों की 332 हेक्टेयर जमीन फंस गई थी। इसके बाद प्राधिकरण अदालत गया। अदालत ने आदेश में कहा है कि दो महीने में मुआवजे की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
इन गांवों के लिए आया फैसला
गांव का नाम अधिग्रहीत जमीन प्रभावित सेक्टर
उस्मानपुर 149 20
धनौरी 414 16-17
कादरपुर 113 20
रुस्तमपुर 336 20
डूंगरपुर रीलखा 272 20
रौनीजा 236 20
रामपुर बांगर 119 18
पचोकरा 41 18
अच्छेजा बुजुर्ग 197 18
(जमीन हेक्टेयर में है। इसमें से कुछ जमीन अभी यीडा को नहीं मिल पाई है)