'घर' में ही घिरे सूरजपाल अम्मू, करणी सेना अध्यक्ष के खिलाफ 36 बिरादरी की महापंचायत आज
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू के विवादित बयान के विरोध में सोमवार को दो समुदाय के लोगों ने 36 बिरादरी की महापंचायत बुलाई है। इसका आयोजन पलवल मार्ग पर स्थित अग्रसेन भवन में होगा।
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू अपने कथित विवादित बयान को लेकर अब अपने ही प्रदेश हरियाणा में घिरते दिख रहे हैं। अम्मू के कथित विवादित बयान के विरोध में सोमवार को दो समुदाय के लोगों ने 36 बिरादरी की महापंचायत बुलाई है। इस महापंचायत का आयोजन सोहना में पलवल मार्ग पर स्थित अग्रसेन भवन में होगा। इससे पहले अम्मू ने 2018 में फिल्म ‘पद्मावत’ के खिलाफ टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया था।
सूरजपाल अम्मू के दिल्ली के जैतपुर गांव में नौ जून को महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर दो समुदाय के प्रति दिए गए विवादित बयान के विरोध में यह महापंचायत होगी। इसमें 36 समाज के लोगों को बुलाया गया है। महापंचायत आने के लिए गांव-गांव जाकर न्योता दिया जा रहा है।
दिल्ली-हरियाणा में दर्ज कराए गए चार मुकदमे
बता दें कि, अम्मू के विवादित बयानबाजी को लेकर दो समुदायों और सूरजपाल अम्मू ने एक दूसरे के खिलाफ हरियाणा और दिल्ली में अलग-अलग चार मामले दर्ज कराए हैं। सबसे पहला मामला दो समुदाय के लोगों ने भोंडसी थाने में दर्ज कराया गया था। वहीं, गलत बयानबाजी के खिलाफ अम्मू ने भी भोंडसी थाने में शिकायत देते हुए केस दर्ज कराया है। इसी प्रकार दिल्ली के जैतपुर थाना में भी अलग-अलग मामले दर्ज हैं। दोनों ही राज्यों की पुलिस मामलों की जांच कर रही है। दिल्ली और हरियाणा पुलिस की भी सोमवार को होने वाली महापंचायत पर पैनी नजर रहेगी।
अम्मू ने पिछले महीने दिया था भाजपा से इस्ताफा
गौरतलब है कि, करणी सेना के अध्यक्ष सूरज पाल अम्मू किसी न किसी वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। बीते महीने अम्मू ने गुजरात में लोकसभा चुनाव के दौरान राजकोट सीट पर भाजपा उम्मीदवार के रूप में केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला के चयन पर नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अम्मू भाजपा की हरियाणा इकाई के प्रवक्ता थे। अम्मू ने भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को भेजे अपने इस्तीफे में कहा था कि गुजरात में एक ऐसे उम्मीदवार को पार्टी ने टिकट दिया, जिसने महिलाओं पर भद्दी टिप्पणियां की थीं, जिसे पूरा क्षत्रिय समुदाय अपमान के रूप में देखता है। दरअसल पुरषोत्तम रूपाला ने राजपूत राजा-महाराजाओं पर कथित विवादित टिप्पणी कर विवाद खड़ा दिया था। हालांकि, रूपाला ने बाद में अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांगी थी।