यमुना सिटी का हुआ 'विस्तार', मास्टर प्लान 2041 में 19 सेक्टर बढ़े; जोनिंग रेगुलेशन की व्यवस्था खत्म
यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में 19 सेक्टर बढ़ गए हैं। अब प्राधिकरण में 70 सेक्टर हो गए हैं। इसमें से 23 सेक्टर औद्योगिक हैं। उद्योगों के साथ आवासीय सेक्टर पर भी जोर दिया गया है।
यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में 19 सेक्टर बढ़ गए हैं। अब प्राधिकरण में 70 सेक्टर हो गए हैं। इसमें से 23 सेक्टर औद्योगिक हैं। उद्योगों के साथ आवासीय सेक्टर पर भी जोर दिया गया है। अब आवासीय सेक्टर 15 हो गए हैं।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के अनुसार, मार्स कंपनी से मास्टर प्लान-2041 बनवाया है। प्राधिकरण बोर्ड इसे पास कर चुका है। प्रदेश सरकार को भेजने से पहले प्राधिकरण के अफसरों ने पिछले दिनों मार्स कंपनी के साथ मास्टर प्लान का परीक्षण किया था। नए मास्टर प्लान में जोनिंग रेगुलेशन का प्रावधान किया गया था। इसे खत्म कर दिया गया है। ऐसी व्यवस्था विकास प्राधिकरण में होती है। औद्योगिक विकास प्राधिकरण में इस तरह का प्रावधान नहीं होता है। जोनिंग रेगुलेशन से तात्पर्य है कि फीस जमा करके आप लैंड यूज बदलकर अपनी गतिविधियां कर सकते हैं। यहां यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है।
मास्टर प्लान में सेक्टर को विकसित करने के लिए फेज तय किए गए थे। फेज की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। यमुना प्राधिकरण दो दिन में मास्टर प्लान को प्रदेश सरकार को भेजेगा। प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजा जाएगा। 15 जनवरी तक मास्टर प्लान पास होने की उम्मीद है।
नागरिक उड्डयन के लिए 1200 हेक्टेयर और जमीन : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अभी तक 5000 हेक्टेयर जमीन नागरिक उड्डयन के लिए आरक्षित की गई थी। इसमें से चार चरणों में जमीन खरीदी जानी है। इसके अलावा मास्टर प्लान में 1200 हेक्टेयर और जमीन नागरिक उड्डयन के लिए आरक्षित की गई है। इस इलाके में भविष्य में गतिविधियों को विकसित किया जाएगा।
इस तरह बढ़ गए सेक्टर
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अभी तक 51 सेक्टर हैं। नए मास्टर प्लान में 19 सेक्टर और बढ़ गए हैं। अब सेक्टर की संख्या बढ़कर 70 हो गई है। इसमें से 23 सेक्टर औद्योगिक, 15 सेक्टर आवसीय, तीन सेक्टर मिक्स लैंड यूज, चार सेक्टर मल्टीपल लैंड यूज और 15 अन्य सेक्टर शामिल हैं।
32167 हेक्टेयर शहरी क्षेत्र
मास्टर प्लान 2041 में अब शहरी क्षेत्र 32167 हेक्टेयर हो गया है। पहले शहरी क्षेत्र 24739 हेक्टेयर था। यानी 8000 से अधिक हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र बढ़ गया है। प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र 58397 हेक्टेयर है। इसमें गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 171 गांव हैं।