Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Sandeep dixit lashed out on Arvind Kejriwal and aap said delhi people not wanted you to win even after coalition

उनके साथ 10 पार्टियां लड़ लेतीं तब भी हार जाते; केजरीवाल पर बुरी तरह फायर हुए संदीप दीक्षित

  • कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दिल्ली ने किसी को नहीं हराया बल्कि दिल्ली ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद से हटाया है। दिल्ली की जनता ने तय कर लिया था कि अरविंद केजरीवाल को हराना है। उनके कुशासन और भ्रष्टाचार के ऊपर वोट पड़े हैं।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 12 Feb 2025 07:39 PM
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उनके साथ 10 पार्टियां लड़ लेतीं तब भी हार जाते; केजरीवाल पर बुरी तरह फायर हुए संदीप दीक्षित

12 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी को शिकस्त का मुंह देखना पड़ा है। पार्टी नेताओं और खुद उनके सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल इस समय कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। इस बीच नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को चुनौती देने वाले संदीप दीक्षित ने आप संयोजक पर खूब हमला किया। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि दिल्ली को किसी ने नहीं हराया है बल्कि दिल्ली ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद से हटाया है। उनके कुशासन और भ्रष्टाचार के ऊपर इस बार वोट पड़े हैं।

शीला दीक्षित के बेटे और इस बार नई दिल्ली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्हें दिल्ली की कितनी खबर है। अगर वह कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ते तो भी हारते। मैं उन्हें बता देता हूं शायद उन्हें पता नहीं है कि दिल्ली की जनता ने उन्हें हराने का मन बना लिया था। संदीप ने आगे कहा कि 7-8 क्या 10 पार्टियां भी लड़ लेतीं तो भी वह हार जाते।

संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि उनका हारना तय ता, निश्चित था। अगर उन्हें इन सबसे बचना था, तो वो कुकर्म नहीं करना था जो उन्होंने पिछले तीन साल में किए। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह से वह विपक्ष के नेताओं को और कांग्रेस को गाली देते थे, वह बंद कर देते। उन्हें शराब घोटाला, शीशमहल में उल्टे सीधे काम किए, वो न करते। इस बार उनके कुशासन और भ्रष्टाचार के ऊपर वोट पड़े हैं।

कांग्रेस की हार पर बोलते हुए संदीप दीक्षित ने कहा कि हमने जो मुद्दे उठाए उससे एक एंटी आम आदमी वेव तो बन गई थी। बीजेपी ने शीशमहल और एक दो मुद्दे उठाए,उससे सरकारें नहीं बदलतीं। उन्होंने आगे कहा कि हमसे वोटरों ने कहा कि AAP और कांग्रेस 2024 में साथ लड़े थे, क्या भरोसा इस बार भी आप साथ आ गए तो। लोगों को केजरीवाल से घृणा हो गई थी, लोग उनका चेहरा भी नहीं देखना चाहते थे। दलित और मुसलमान भी आप को वोट नहीं देना चाहते थे।

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