पेड़ों की कटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने LG सक्सेना से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा, जानिए क्या कुछ पूछा?
- सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित अन्य कार्रवाइयों का विवरण भी देने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को DDA (दिल्ली विकास प्राधिकरण) अध्यक्ष व दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से दक्षिणी रिज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हुई पेड़ों की कटाई मामले में एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि इस हलफनामे में उपराज्यपाल इस इलाके में हुई कटाई से संबंधित मामले के विभिन्न पहलुओं पर सम्पूर्ण खुलासा करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सक्सेना से दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई और आपराधिक केस चलाने के बारे में भी विस्तृत विवरण देते हुए 22 अक्टूबर तक अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ रिज क्षेत्र में पेड़ों की कथित कटाई के मुद्दे पर डीडीए और अन्य के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल डीडीए के अध्यक्ष भी हैं।
सुनवाई के दौरान पीठ ने डीडीए अध्यक्ष से चार बातें स्पष्ट करने को कहा। पहला, क्या पेड़ों की कटाई की अनुमति पर चर्चा के बारे में उन्हें किसी तरह की कोई जानकारी थी। दूसरा, उपराज्यपाल को अनुमति की जरूरत के बारे में कब सूचना दी गई। तीसरा, सुधारात्मक उपायों के रूप में क्या कदम उठाए गए, और चौथा, रिज की मूल प्रकृति को संरक्षित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर डीडीए उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा और अन्य के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई अब मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा की जा रही है। इससे पहले इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ कर चुकी है।
रिज क्षेत्र में पेड़ों की कथित कटाई को लेकर डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा और अन्य के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई अब प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने पूर्व में इस विषय की सुनवाई की थी।
पिछली पीठ ने छतरपुर से साउथ एशियन यूनिवर्सिटी तक सड़क निर्माण के लिए दक्षिणी रिज के सतबारी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के आरोप में पांडा के खिलाफ आपराधिक अवमानना नोटिस जारी किया था। पीठ ने डीडीए उपाध्यक्ष द्वारा दाखिल एक भ्रामक हलफनामे पर नाराजगी व्यक्त की थी।
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पी के मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की एक अन्य पीठ ने 24 जुलाई को, दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर विभिन्न पीठों के समक्ष लंबित दो अलग-अलग अवमानना कार्यवाही का संज्ञान लिया था और कहा था कि वह न्यायिक औचित्य में विश्वास करती है और नहीं चाहती कि कोई भी विरोधाभासी आदेश पारित किया जाए।
दो अलग पीठ डीडीए के खिलाफ अवमानना मामले से संबंधित लेकिन अलग-अलग पहलुओं पर सुनवाई कर रही थी, जिससे संभावित न्यायिक गतिरोध और विरोधाभासी आदेशों की आशंका पैदा हो रही थी।