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‘अधिकारी को भी पत्नी संग वैवाहिक जीवन…’; दिल्ली हाईकोर्ट ने बंगाल के IPS अफसर के हक में सुनाया फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आईपीएस अफसर को पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन जीने के लिए पश्चिम बंगाल कैडर से उत्तर प्रदेश कैडर में ट्रांसफर करने पर अपनी मुहर लगा दी है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उच्च पद पर आसीन व्यक्ति भी पारिवारिक जीवन जीने का अधिकार रखता है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमलता कौशिकThu, 6 March 2025 12:12 PM
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‘अधिकारी को भी पत्नी संग वैवाहिक जीवन…’; दिल्ली हाईकोर्ट ने बंगाल के IPS अफसर के हक में सुनाया फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी को पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन जीने के लिए पश्चिम बंगाल कैडर से उत्तर प्रदेश कैडर में ट्रांसफर करने पर अपनी मुहर लगा दी है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उच्च पद पर आसीन व्यक्ति भी पारिवारिक जीवन जीने का अधिकार रखता है। पश्चिम बंगाल सरकार को तत्काल आईपीएस अधिकारी को कार्यमुक्त करना होगा। इसके लिए हाईकोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है।

जस्टिस सी हरीशंकर एवं जस्टिस अजय दिग्पॉल की बेंच ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी जाहिर की। बेंच ने कहा कि जब अंतर-कैडर ट्रांसफर पॉलिसी के तहत पति-पत्नी को एक साथ पोस्टिंग देने का प्रावधान है तो राज्य सरकार लम्बे समय से यही राग क्यों अलापती चली आ रही है कि राज्य में अधिकारियों की कमी है, इसलिए वह ट्रांसफर नहीं दे सके।

बेंच ने यह भी कहा कि यह एक अकेला मामला नहीं है। पश्चिम बंगाल सरकार के कई सारे मामले हैं, जो यहां लंबित हैं। बेंच ने कहा कि मुकदमेबाजी कोई खेलकूद नहीं है। ना ही न्यायालय का कीमती समय बार-बार एक ही बिगुल बजाकर बर्बाद किया जा सकता है।

अलग-अलग राज्य के कैडर में तैनाती होने से साथ नहीं रह पा रहे इस मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकारी तंत्र अपनी जगह है, लेकिन एक विवाहित व्यक्ति और महिला के अधिकार अपनी जगह हैं। यहां फर्क सिर्फ इतना है कि पति-पत्नी दोनों आईपीएस अधिकारी हैं। इनकी हाल ही में शादी हुई है और दोनों साथ रहना चाहते हैं, लेकिन अलग-अलग राज्य के कैडर में तैनाती के कारण वह वैवाहिक जीवन नहीं जी पा रहे हैं। बेंच ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी को गृहस्थ जीवन जीने का अधिकार है। इसे बाधित नहीं किया जा सकता।

‘हमें कोई आपत्ति नहीं’

यूपी सरकार ने कहा कि उसे याचिकाकर्ता आईपीएस अफसर को पश्चिम बंगाल कैडर से यूपी कैडर में स्थानांतरित करने पर कोई आपत्ति नहीं है। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि उनके यहां अधिकारियों की कमी है, इसलिए वह अधिकारी को ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं दे सकते।

यह है मामला

याचिकाकर्ता 2021 में पश्चिम बंगाल कैडर से आईपीएस बने थे। उनकी शादी वर्ष 2020 की उत्तर प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी से हुई थी। पत्नी बनारस में कार्यरत हैं, इसलिए अफसर ने अपनी पोस्टिंग यूपी कैडर में करने की मांग की थी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने इस ट्रांसफर की मांग को बेबुनियाद बताया।

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