वियतनाम और कोरिया जैसी होगी राया हेरिटेज सिटी, हाईटेक सुविधाओं संग 735 एकड़ के शहर में होंगी ये चीजें
राया हेरिटेज सिटी यमुना एक्सप्रेसवे के 101 किलोमीटर पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए प्रस्तावित 6.9 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे बसाई जाएगी। यह राया अर्बन सेंटर मास्टर प्लान-2031 का हिस्सा है।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बसने वाली राया हेरिटेज सिटी (Raya Heritage City) को वियतनाम और कोरिया की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। शासन से सोमवार को हेरिटेज सिटी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिलने के बाद इसके विकास के साथ ही आधुनिकीकरण का रास्ता भी साफ हो गया है। कंसल्टिंग कंपनी सीबीआरई ने हेरिटेज के लिए बिड दस्तावेज तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसे विकसित करने के लिए विदेशी कंपनियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में 735 एकड़ में विकसित होने वाली राया हेरिटेज सिटी का, जो खाका तैयार किया गया है, उसे अब शासन से मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए करीब 6300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। राया हेरिटेज सिटी यमुना एक्सप्रेसवे के 101 किलोमीटर पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए प्रस्तावित 6.9 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे बसाई जाएगी। यह राया अर्बन सेंटर मास्टर प्लान-2031 का हिस्सा है। मास्टर प्लान को भी बीते सप्ताह मंजूरी मिल चुकी है।
पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली यह परियोजना बेहद आधुनिक होगी। परामर्शदाता कंपनी सीबीआरई ने उन कंपनियों से भी संपर्क करने के प्रयास में है, जिन्होंने वियतनाम, इंडोनिशया और कोरिया समेत अन्य देशों में हेरिटेज विकास का काम किया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ग्लोबल टेंडर निकालने पर इसके विकास के लिए भी विदेशी कंपनियां भी आगे आ सकती हैं।
ई-बसें चलाई जाएंगी : हेरिटेज सिटी में इलेक्ट्रिक बस डिपो, ईवी का बड़ा हब, कथावाचनालय, हाट बाजार, लाइट साउंड शो, हस्तशिल्प बाजार, आश्रम, घाट, वन, लेक एंड वाटरबॉडी, मथुरा कला ताथा संस्कृति, योगा केंद्र एंड प्राकृतिक चिकित्सालय, पार्क, ध्यानकेंद्र, धर्मशाला, चिकित्सालय आदि होंगे।
नई डीपीआर इसलिए की गई तैयार : पहले राया कट के पास से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी थी, लेकिन मार्ग में कई गांवों की अधिक आबादी आ रही थी, इसलिए एलाइमेंट में परिवर्तन करते हुए नई डीपीआर तैयार की गई है। परियोजना में अरूवा खादर, भीम खादर, डांगरौली खादर, पानी गांव खादर, पिपरौली, जहांगीरपुर खादर व बेगमपुर खादर आदि गांव आ रहे हैं। इन गांवों का विकास भी होगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की दाईं ओर में हेरिटेज सिटी विकसित की जाएगी, जबकि बाईं ओर की जगह अन्य परियोजना के लिए आरक्षित है।
जल स्रोतों को संरक्षित किया जाएगा
हेरिटेज सिटी के लिए जल स्रोतों को संरक्षित करने की योजना है। यहां की नदियों, नहरों और सरोवरों को संरक्षित किया जाएगा। इसकी सुरक्षा के लिए प्राधिकरण 30-30 मीटर का बफर जोन बनाएगा। इसके अलावा यातायात की समस्या को दूर करने के लिए पार्किंग हब बनेगा। प्राधिकरण विधवाओं और संन्यासियों के लिए 8000 फ्लैट बनाएगा। विदेशी पर्यटकों के ठहरने के यहां पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, ''राया हेरिटेज सिटी की डीपीआर को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। बाधाएं दूर हो गई हैं। हेरिटेज सिटी के बिड दस्तावेज तैयार होंगे, जिसके बाद डेवलपर कंपनी का चयन किया जाएगा और परियोजना को धरातल पर उतारा जाएगा।''