राया हेरिटेज सिटी को 735 एकड़ में बसाने की मिली मंजूरी, मथुरा-वृंदावन की झलक के साथ और क्या होगा खास
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 735 एकड़ में बसने वाली राया हेरिटेज सिटी के ड्राफ्ट को शासन से मंजूरी मिल गई है। हेरिटेज सिटी में मथुरा-वृंदावन की सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिलेगी। इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए 6300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में 735 एकड़ में विकसित होने वाली राया हेरिटेज सिटी (Raya Heritage City) का जो खाका तैयार किया गया है, उसे शासन से मंजूरी मिल गई है। अब इससे संबंधित रिपोर्ट यूपी पीपीपीवीईसी (उत्तर प्रदेश पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप विड एबुलेशन कमेटी), मुख्य सचिव और कैबिनेट में रखी जाएगी। इसके बाद डेवलपर कंपनी का चयन किया जाएगा। हेरिटेज सिटी में मथुरा-वृंदावन की सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिलेगी।
इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए 6300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। राया हेरिटेज सिटी यमुना एक्सप्रेसवे के 101 किलोमीटर पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए प्रस्तावित 6.9 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे बसाई जाएगी। यह राया अर्बन सेंटर मास्टर-2031 का हिस्सा है।
पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली इस परियोजना में योग केंद्र, प्राकृतिक चिकित्सालय, पार्क, कथा वाचनालय समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। योजना के मुताबिक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र स्थित बेगमपुर गांव के पास तक बनाया जाएगा, जिसे 1.5 लंबे एलिवेटेड रोड के जरिये यमुना पर सेतु निगम द्वारा बनाए जा रहे पुल से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में 100 मीटर चौड़ा यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, भविष्य में इसे आठ तक किया जा सकता है।
पहले राया कट के पास से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी थी, लेकिन मार्ग में कई गांवों की अधिक आबादी आ रही थी। ऐसे में एलाइनमेंट में बदलाव कर नई डीपीआर बनवाई गई। इस परियोजना में अरूवा खादर, भीम खादर, डांगरौली खादर, पानी गांव खादर, पिपरौली, जहांगीरपुर खादर व बेगमपुर खादर आदि गांव आ रहे हैं। प्राधिकरण इन गांवों का विकास भी करेगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के राइट साइट में हेरिटेज सिटी विकसित की जाएगी। लेफ्ट साइड की जगह अन्य परियोजनाओं के लिए आरक्षित है।
विदेशी कंपनियां आ सकती हैं आगे : इस परियोजना की डीपीआर तैयार करने से पहले परामर्शदाता कंपनी ने उन कंपनियों से भी संपर्क किया था, जो वियतनाम, इंडोनिशया और कोरिया समेत अन्य देशों में हेरिटेज विकास का काम कर चुकी हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि वैश्विक निविदा निकालने पर इसके विकास के लिए भी विदेशी कंपनियां भी आ सकती हैं।
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
हेरिटेज सिटी से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है। धार्मिक नगरी मथुरा, वृंदावन और आगरा के साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की इसमें अहम भूमिका होगी। यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते ताजमहल का दीदार करने के लिए आगरा जाने वाले लोगों को हेरिटेज सिटी के रूप में एक प्रमुख पर्यटन स्थल मिल जाएगा। इससे वृंदावन को भी फायदा होगा। यहां कथा वाचनालय का निर्माण किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी
राया हेरिटेज सिटी में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए 14 एकड़ में बस डिपो का निर्माण प्रस्तावित है। इससे सुगत यातायात के साथ वायु प्रदूषण की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिलेगी। डीपीआर में इसका विशेष से प्रावधान किया गया है। प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आने वाले गांव बेगमपुर के पास 12 हेक्टेयर में पार्किंग बनाई जाएगी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, ''राया हेरिटेज सिटी को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। इसकी राह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो गई है। अब यूपी पीपीपीवीईसी, मुख्य सचिव और कैबिनेट की मंजूरी के बाद विकासकर्ता कंपनी के चयन के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हेरिटेज सिटी में सांस्कृतिक धरोहर की झलक दिखेगी।''
किसका कितना क्षेत्र
● थीम आधारित हेरिटेज सेंटर-350 एकड़
● योगा केंद्र व प्राकृतिक चिकित्सालय-103 एकड़
● ग्रीन पार्क - 97 एकड़
● टूरिस्ट ट्रेवल फैसिलिटी - 46 एकड़
● कन्वेंशन सेंटर - 42 एकड़
● आयुर्वेद - 35 एकड़
● स्टार होटल - 26.60 एकड़
● बजट होटल - 19.60 एकड़
● ओल्ड एज होम्स - 10 एकड़
● सर्विस अपार्टमेंट - 6 एकड़
● टूरिस्ट फैसिलिटी - 8. 40 एकड़
● स्थानीय कला और शिल्प के लिए हॉट का निर्माण - 6 एकड़