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प्रिंस हत्याकांड : HC का हरियाणा सरकार को 4 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें गुरुग्राम के एक निजी स्कूल के अंदर छात्र प्रिंस की हत्या मामले में बस कंडक्टर अशोक कुमार को झूठा फंसाने वाले चार पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को खारिज किया था।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, गुरुग्राम। हिन्दुस्तानSun, 26 Jan 2025 09:12 AM
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प्रिंस हत्याकांड : HC का हरियाणा सरकार को 4 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गुरुग्राम के प्रिंस हत्याकांड में सीबीआई और प्रिंस के पिता की याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें स्कूल के अंदर छात्र प्रिंस की हत्या मामले में बस कंडक्टर अशोक कुमार को झूठा फंसाने वाले चार पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को खारिज किया था। हाईकोर्ट ने चारों पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार को एक महीने में अध्ययन कर अनुमति देने का आदेश दिया।

सीबीआई ने हरियाणा सरकार से मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर मामला चलाने के लिए अनुमति मांगने की याचिका कोर्ट में लगाई थी। हरियाणा सरकार ने 19 फरवरी 2021 को अनुमति देने से मना कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार के द्वारा मंजूरी नहीं देना निरर्थक है। अदालत ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने में भी कोई झिझक नहीं है कि मंजूरी देने वाले प्राधिकारी का कार्य स्पष्ट रूप से मनमाना है। अदालत ने आदेश में स्पष्ट करते हुए कहा कि सीबीआई के पास हरियाणा पुलिस की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है। सीबीआई द्वारा एकत्र किए गए सबूत आपस में जुड़े हुए हैं।

जस्टिस कुलदीप तिवारी ने 49 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि सीबीआई ने जांच में पाया कि बस कंडक्टर अशोक कुमार को प्रिंस की हत्या में झूठा फंसाया गया था, जबकि वास्तव में अपराधी भोलू था। इसके अलावा, सीबीआई द्वारा एकत्र किए गए सबूतों ने एसआईटी के सदस्यों के आपराधिक कृत्य को भी उजागर किया, क्योंकि यह सामने आया कि उन्होंने अशोक कुमार को फंसाने के लिए मौखिक और झूठे दस्तावेज तैयार किए। सीबीआई का दावा है कि एकत्र किए गए सबूत अपराध का संकेत देते हैं, जिसने कथित तौर पर प्रिंस की हत्या की थी। सीबीआई को उसके संबंध में जांच करने और उसके बाद आरोप पत्र दायर करने का अधिकार मिलता है।

शुरू में बस कंडकक्टर को माना गया था हत्या का आरोपी

8 सितंबर, 2017 को सात वर्षीय प्रिंस की एक निजी स्कूल में हत्या कर दी गई थी। शुरुआत में मामले की जांच हरियाणा पुलिस ने की, जिसने स्कूल के एक बस कंडक्टर को प्रिंस की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने प्रिंस की हत्या के आरोप में उसी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र भोलू को गिरफ्तार किया था। फिलहाल आरोपी भोलू जमानत पर है और सेशन कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। 4 मई 2023 को हाईकोर्ट ने सत्र अदालत के आदेश को बरकरार रखा और कहा नाबालिग आरोपी को वयस्क माना जाएगा।

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