प्रदूषण ने 11.9 साल तक घटाई दिल्लीवालों की उम्र : इंडियन चेस्ट सोसाइटी
दिल्ली में पैदा हुए और यहीं रह रहे लोगों की उम्र प्रदूषण की वजह से 11.9 साल कम हो रही है। वहीं, देशभर में प्रदूषण ने लोगों की उम्र 5.3 साल कम कर दी है। सांस रोग विशेषज्ञों की संस्था इंडियन चेस्ट सोसाइटी ने गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित वार्ता में यह जानकारी दी।
दिल्ली में पैदा हुए और यहीं रह रहे लोगों की उम्र प्रदूषण की वजह से 11.9 साल कम हो रही है। वहीं, देशभर में प्रदूषण ने लोगों की उम्र 5.3 साल कम कर दी है। सांस रोग विशेषज्ञों की संस्था इंडियन चेस्ट सोसाइटी ने गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित वार्ता में यह जानकारी दी।
एम्स के सांस रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जीसी खिलनानी ने चीन के बीजिंग शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पर प्रदूषण नियंत्रण का काम किया, जिससे लोगों की उम्र 2.2 साल बढ़ गई है। दिल्ली में बहुत काम करने की जरूरत है। डॉक्टरों ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली में सड़कों को महीने में चार बार पानी से और चार बार वैक्यूम क्लीनर से सफाई करने की जरूरत है। साथ ही सड़क किनारे ज्यादा से ज्यादा हरियाली हो। गाड़ी खड़ी रहती है तो इंजन बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक पूरे साल काम नहीं करेंगे, तब तक प्रदूषण कम नहीं होगा।
इंडियन चेस्ट सोसाइटी का दावा- अटैक का खतरा
पीसीआरआई अस्पताल के डॉक्टर एवं एम्स के प्लमनरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. खिलनानी ने कहा कि पीएम 2.5 या इससे छोटे कणों की बात तो छोड़ ही दो लेकिन प्रदूषण के पीएम 10 कण ही इतने छोटे होते हैं कि नाक के फिल्टर को पार कर अंदर तक पहुंच जाता है, जबकि पीएम 2.5 कण फेफड़ों के उस निचले हिस्से तक पहुंच जाते हैं, जहां ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड एक्सचेंज होती है। ये अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारी की वजह बनते हैं। इससे भी छोटे कण जिनका आकर 0.1 नैनोमीटर होता है, ये फेफड़ों के सबसे छोटे हिस्से लोब्यूल तक पहुंच कर खून में घुल जाते हैं। खून में पहुंचकर ये शरीर के किसी भी अंग को बीमार कर देते हैं। ये स्ट्रोक और हार्टअटैक की वजह बनते हैं।