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रिज एरिया में काटे गए पेड़ों की जगह लगाएं सौ गुना पेड़, SC का आदेश; DDA ने मानी बात

दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ काटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन से कहा कि वे ऐसी कोई व्यवस्था सुझाएं, जिससे किसी भी प्राधिकारी द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई को रोका जा सके।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 8 Nov 2024 05:47 AM
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दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ काटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने प्रस्ताव दिया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जिसने दक्षिणी रिज में 1,670 पेड़ों को अवैध रूप से गिराया है, क्षतिपूर्ति के तहत रिज में काटे गए पेड़ों की संख्या से दोगुने और राजधानी में काटे गए पेड़ों की संख्या से सौ गुना ज्यादा पेड़ लगाएगा। हालांकि चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा इस संबंध में औपचारिक आदेश शुक्रवार को पारित किए जाने की उम्मीद है, लेकिन पीठ के प्रस्ताव को डीडीए की ओर से पेश हुए वकील मनिंदर सिंह और विकास सिंह ने स्वीकार कर लिया।

पीठ ने वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन से कहा कि वे ऐसी कोई व्यवस्था सुझाएं, जिससे किसी भी प्राधिकारी द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई को रोका जा सके। रिज क्षेत्र, दिल्ली का एकमात्र ऐसा ग्रीन एरिया है, जो प्रदूषित शहर के लिए फेफड़ों का काम करता है। डीडीए के चेयरमैन और दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट की अनिवार्य पूर्व अनुमति के बिना काटे गए पेड़ों की संख्या 642 बताई थी, जबकि दिल्ली के वन विभाग ने कहा था कि 745 पेड़ काटे गए।

हालांकि, भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई ) ने अदालत को बताया था कि घायल अर्धसैनिक कर्मियों के इलाज के लिए एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और सार्क विश्वविद्यालय जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने को सड़क चौड़ा करने के लिए 16-26 फरवरी के दौरान 1,670 पेड़ काटे गए थे। एफएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2.32 हेक्टेयर क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के कारण सभी पांच पूल में 130.36 टन कार्बन स्टॉक की हानि होने का अनुमान है, जो 477.99 टन CO2 के बराबर है।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के वन विभाग ने एफएसआई के दावे का विरोध किया था। वहीं एफएसआई ने परियोजना क्षेत्र में अब भी खड़े पेड़ों की संख्या कम बताने पर कड़ी आपत्ति जताई। जबकि वन विभाग ने कहा कि आरएफए में कुल खड़े पेड़ों की संख्या 106 और आरएफए के बाहर 200 (कुल 306) है। जबकि एफएसआई ने आरएफए के अंदर 166 और आरएफए के बाहर 1,488 (कुल 1,654) पेड़ों की संख्या बताई।

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