एयरसेल-मैक्सिस केस में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को राहत, HC ने निचली अदालत की कार्यवाही पर लगाई रोक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके खिलाफ लंबित निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके खिलाफ लंबित निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी। ईडी ने आरोप लगाया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री के तौर पर चिदंबरम ने 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील में अवैध रूप से फॉरन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दी थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी का आरोप है कि वित्त मंत्री के तौर पर चिदंबरम ने अपनी क्षमता से बाहर जाकर इस डील को मंजूरी दी, जिससे रिश्वत के बदले कुछ खास लोगों को फायदा हुआ। मार्च 2022 में दिल्ली की अदालत ने मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे कार्ति को जमानत दे दी थी। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने चिदंबरम की उस याचिका पर भी जांच एजेंसी से जवाब मांगा है, जिसमें राजधानी की अदालत के 27 नवंबर, 2021 के आदेश को चुनौती दी गई है। इसमें ईडी द्वारा उनके और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेने का आदेश दिया गया था।
जस्टिस ओहरी ने कहा, 'मैं डिटेल में आदेश पारित करूंगा। नोटिस जारी करूंगा। अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही स्थगित रहेगी।' हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दिल्ली की अदालत के आदेश को खारिज करने और कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका दावा था कि कथित अपराध उस समय किया गया था जब वह एक लोक सेवक थे और ईडी उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी लेने में विफल रहा। इसमें आगे कहा गया कि ईडी से पहले मंजूरी लिए बिना शहर की अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग अपराध का संज्ञान लेने में गलती की।