क्या दिल्ली में ओवैसी ने दिया 'एक हैं तो सेफ हैं' वाला मौका! BJP ने तुरंत लपका; AAP को टेंशन
AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। ओवैसी के इस ऐलान को भाजपा ने 'हिंदुओं के लिए चुनौती' बताया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के ऐलान का सिलसिला तेज हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से 31 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किए जाने के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी अपने पहले कैंडिडेट के नाम के ऐलान से हलचल मचा दी है। पार्टी प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ाने की घोषणा की है। ओवैसी के इस कदम को भाजपा ने 'हिंदुओं के लिए चुनौती' बताया है। इसके साथ ही भाजपा ने यह संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में वह इसके सहारे गोलबंदी की कोशिश भी कर सकती है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा ओवैसी की इस घोषणा के सहारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों की एंट्री दिल्ली चुनाव में करा सकती है।
दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने ताहिर को टिकट दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इसे दिल्ली के हिंदुओं के लिए चुनौती बता डाला। मिश्रा ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, 'ओवैसी का हाथ आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा के हत्यारों के साथ। ओवैसी ने असली सेक्युलरिज्म का रंग दिखाया है।' उन्होंने सीएए विरोधी प्रदर्शन के बाद दिल्ली में हुए दंगे के दौरान अंकित शर्मा की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि यदि फिर ऐसी कोशिश हुई तो ऐसा करने वालों की सात पीढ़ियां अंजाम याद रखेंगी।
मिश्रा ने कहा, 'ताहिर हुसैन जिसने दिल्ली में सैकड़ों हिंदुओं की हत्या की साजिश रची। जिसके घर से बम मिले, पत्थर मिले। जिसके घर से आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा का मर्डर किया गया। लगभग 400 बार चाकुओं से गोदकर अंकित शर्मा जी की लाश को नाले में फेंक दिया गया। ऐसे हत्यारे जिहादी ताहिर हुसैन को दिल्ली के चुनाव में उताकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही है। मैं यह कहना चाहता हूं ओवैसी से और जिहादी सेक्युलर नेताओं और पार्टियों से, ताहिर हुसैन जैसे हत्यारे के नाम पर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की और दिल्ली में दंगे करवाने की कोशिश की तो अंजाम तुम्हारी सात पीढ़ियां याद रखेंगी।'
क्या भाजपा को मिला गोलबंदी का मौका?
पिछले दो विधानसभा चुनावों में दिल्ली के मुस्लिम वोटर्स का एकमुश्त वोट हासिल करती रही आम आदमी पार्टी फूंक-फूंकर कदम रखती रही है। कभी आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे ताहिर हुसैन पर दंगे में नाम आने के बाद पार्टी ने ना सिर्फ उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया, बल्कि भाजपा को हिंदुओं की गोलबंदी का मौका देने से बचती रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब ओवैसी ने वह काम कर दिया है, जैसी 'गलती' भाजपा 'आप' से चाहती होगी। भले ही ओवैसी के लिए दिल्ली चुनाव में पाने या खोने को ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन यदि भाजपा यहां 'एक हैं तो सेफ हैं' और 'कटेंगे तो बटेंगे' जैसे अपने नए नारों को प्रचारित करने में कामयाब रही तो 'आप' की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाल के चुनावों में पहले हरियाणा और फिर महाराष्ट्र में भाजपा को इन नारों से जो फायदा मिला है उसका नतीजा सबके सामने है।