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सुप्रीम कोर्ट ने एनएमसी द्वारा नीट-सुपर स्पेशियलिटी 2024 परीक्षा नहीं कराने के फैसले को न्यायसंगत बताते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने एनएमसी को 30 दिन में कार्यक्रम की घोषणा करने का...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा नीट-सुपर स्पेशियलिटी 2024 परीक्षा आयोजित नहीं कराने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने एनएमसी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिक खारिज करते हुए कहा कि परीक्षा नहीं कराने का निर्णय न्यायसंगत है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ एनएमसी को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-सुपर स्पेशियलिटी (नीट-एसएस) के कार्यक्रम की घोषणा 30 दिन के भीतर करने का आदेश दिया है। पीठ ने एनएमसी के उन दलीलों से सहमति जताई कि हर साल नीट-एसएस देने वाले लगभग 40 फीसदी परीक्षार्थी स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के मौजूदा बैचों से संबंधित होते हैं। एनएमसी की ओर से पीठ को बताया गया था कि कोरोना महामारी के कारण 2021 के बजाय 2022 में शुरू होने वाले पीजी मेडिकल पाठ्यक्रम जनवरी 2025 में समाप्त होंगे और यदि इस वर्ष नीट-एसएस आयोजित किया जाता है तो वे इस परीक्षा में बैठने के अवसरों से वंचित हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यदि इस साल नीट-एसएस कराया जाता है तो 2021 स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम (पीजी बैचों जिनके पाठ्यक्रम जनवरी 2022 में शुरू हुए और जनवरी 2025 में खत्म होंगे) से चुने गए छात्र प्रतिस्पर्धा करने के अवसर से वंचित हो जाएंगे।‘ साथ ही कहा कि इससे ऐसी स्थिति बनेगी, जहां उम्मीदवारों के दो बैच नीट-एसएस 2025 परीक्षा में एक ही सीट के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रतिद्वंद्वी दृष्टिकोणों को समझने के बाद, हम एनएमसी की दलीलों से सहमति व्यक्त करते हैं और इसे खारिज करना संभव नहीं है। पीठ ने इस बात पर भी विचार किया कि याचिकाकर्ता पहले भी नीट-एसएस परीक्षा में शामिल हो चुके हैं और इसलिए, उनके साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा कि दूसरी ओर, यदि नीट-एसएस 2024 आयोजित किया जाता है, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी कि जनवरी 2025 में उत्तीर्ण होने वाले छात्र नीट-एसएस परीक्षा में बैठने से वंचित रह जाएंगे। शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को इस मामले में याचिकाकर्ता राहुल बलवान सहित 13 डॉक्टरों की याचिका पर एनएमसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नीट -एसएस एमडी, एमएस और डीएनबी जैसी स्नातकोत्तर डिग्री या सुपर-स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए समकक्ष योग्यता वाले डॉक्टर दे सकते हैं।
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