Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीSupreme Court Rules No Right to Compassionate Appointment in Government Jobs

अदालत से::: अनुकंपा के आधार पर नौकरी अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी पाने का कोई अधिकार नहीं है। एक व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि यह सेवा की शर्त नहीं है। पुलिस कांस्टेबल पिता की 1997 में...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 13 Nov 2024 11:05 PM
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- यह अधिकार मरने वाले कर्मचारी की सेवा शर्त नहीं नई दिल्ली, एजेंसी।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक व्यक्ति की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति सरकारी नौकरी पाने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सेवा के दौरान मरने वाले कर्मचारी की सेवा की शर्त नहीं है।

कोर्ट ने उस व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी, जिसके पुलिस कांस्टेबल पिता की 1997 में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी। तब याचिकाकर्ता की आयु सात वर्ष थी। न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि राज्य को किसी व्यक्ति या समूह के पक्ष में संबंधित नीति के विपरीत कोई अवैधता जारी रखने के लिए कहने वाला कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है। पीठ का फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति मसीह ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियां परिवार के सदस्य की मृत्यु के समय उत्पन्न तात्कालिक वित्तीय संकट को दूर करने के लिए की जाती हैं। यह कोई अधिकार नहीं है, जिसका दावा लंबी अवधि बीत जाने के बाद किया जा सके। याचिकाकर्ता टिंकू के पिता कांस्टेबल जय प्रकाश की 1997 में ड्यूटी के दौरान एक अधिकारी के साथ मौत हो गई थी। उस समय टिंकू केवल सात वर्ष का था और क्योंकि उनकी मां अशिक्षित थी लिहाजा उन्होंने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं किया।

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