Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsSupreme Court Rules CBI Doesn t Need State Approval for Cases Against Central Officials

राज्यों में तैनात केंद्रीय अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए सीबीआई को राज्यों की समहति जरूरी नहीं- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को केंद्रीय अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर करने के लिए राज्य सरकारों की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए कहा कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 3 Jan 2025 08:46 PM
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नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई को राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए राज्य सरकारों की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को पलटते हुए यह फैसला दिया है, जिसमें भ्रष्टाचार के मामले में दो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई जांच को रद्द कर दिया गया था।

जस्टिस सीटी रविकुमार और राजेश बिंदल की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि ‘पदस्थापना के स्थान से इतर, उपरोक्त तथ्यात्मक स्थिति से पता चलता है कि वे केंद्र सरकार के कर्मचारी/केंद्र सरकार के उपक्रम के कर्मचारी थे और कथित तौर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध किए थे, जो एक केंद्रीय अधिनियम है। यह मामला आंध्र प्रदेश में कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज की गई एफआईआर से उपजा है। मामले में आरोपी अधिकारी ने सीबीआई के अधिकार क्षेत्र को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 (डीएसपीई अधिनियम) के तहत अविभाजित आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति विभाजन के बाद नए बने आंध्र प्रदेश राज्य पर स्वतः लागू नहीं होती। उच्च न्यायालय ने आरोपियों की दलीलों से सहमति जताते हुए, उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमा को रद्द कर दिया था। अब उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया है। पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि डीएसपीई अधिनियम के तहत किसी राज्य द्वारा दी गई सामान्य सहमति केंद्रीय अपराधों से जुड़ी सीबीआई जांच के लिए पर्याप्त थी और राज्य-विशिष्ट औपचारिकताओं, जैसे कि नई सहमति, की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारा दृढ़ मत है कि जिस विवादित निर्णय के तहत एफआईआर और उसके अनुसरण में आगे की कार्यवाही को रद्द किया गया था, उसे बरकरार नहीं रखा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया है।

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