देश में एक समान विकास नहीं हुआ- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बड़े शहरों में गरीबों के लिए आवास की समस्या पर चिंता व्यक्त की। जस्टिस ओका ने पूछा कि क्या सरकारी धन का उपयोग गरीबों के लिए आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा में किया जाना चाहिए या साइकिल...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़े शहरों में गरीबों के लिए आवास की समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ‘देश में विकास एक समान नहीं हुआ है। शीर्ष अदालत ने देशभर में साइकिल के लिए अलग ट्रैक बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता से सवाल किया कि ‘क्या सरकारी खजाने से प्राप्त धन का इस्तेमाल गरीबों के लिए आवास, स्वास्थ्य और शैक्षणिक सुविधाएं बनाने के लिए किया जाना चाहिए या फिर देश में साइकिल ट्रैक बिछाने के लिए। जस्टिस ओका ने कहा कि ‘सभी प्रमुख शहरों में गरीबों के लिए आवास सुविधाओं की गंभीर समस्या है। लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे हैं। यहां तक कि गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं, शैक्षणिक सुविधाओं की घोर कमी है, ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी धन का इस्तेमाल इन सभी प्राथमिक सुविधाओं के लिए की जानी चाहिए या फिल देशभर में अगल साइकिल ट्रैक बनाने के लिए? शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शुरू होने पर याचिका में किए गए मांग पर आश्चर्य जताया और कहा कि इस तरह की मांग पर आदेश कैसे पारित की जा सकती है। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप चाहते हैं कि पूरे भारत में अलग साइकिल ट्रैक बनाए जाएं। यह बहुत महत्वाकांक्षी है।
इस पर याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत को बताया कि कई राज्यों में सड़कों पर अगल साइकिल ट्रैक हैं। उन्होंने पीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर भी साइकिल ट्रैक है, लेकिन मोड़ पर यह यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील ने देश के कुछ चुनिंदा शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाली अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजना का हवाला दिया। इसके बाद जस्टिस ओका ने कहा कि ‘हम अलग साइकिल ट्रैक बनाने के लिए इस तरह का परमादेश कैसे जारी कर सकते हैं, यह याचिकाकर्ता का दिवास्वप्न जैसा है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे का हवाला दिया और कहा कि यदि अलग साइकिल ट्रैक बनेगा तो इससे लोग साइकिल का इस्तेमाल कर सकेंगे। साथ ही कहा कि इससे प्रदूषण की समस्या के समाधान हो सकता है। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 10 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया।
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