जेट एयरवेज के उड़ान भरने की उम्मीद खत्म
सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज की बंद पड़ी परिसंपत्तियों को बेचने का निर्देश दिया है। यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत लिया गया है, जिससे दिवालिया कंपनी के लेनदारों और कर्मचारियों को लाभ होगा।...
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में बंद पड़ी जेट एयरवेज की परिसंपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय करने के लिए मिली असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दिवालिया हो चुकी जेट एयरवेज के लेनदारों, कर्मचारियों और अन्य हितधारकों को लाभ होगा क्योंकि संपत्तियों को बेचने के बाद पैसे का वितरण सभी लेनदारों, कर्मचारियों के बकाया भुगतान व अन्य हितधारकों को मिलेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के 12 मार्च 2024 के फैसले को रद्द करते हुए यह आदेश दिया है, जिसके तहत जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने और इसका मालिकाना हक जालान कलरॉक कंसोर्टियम को हस्तांतरित किए जाने को मंजूरी दी गई थी।
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