जेट को उबारने की योजना पांच साल तक लागू नहीं हुई
सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज की समाधान योजना को लागू न होने पर एनसीएलटी को परिसंपत्तियाँ बेचने के लिए परिसमापक नियुक्त करने का आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि समाधान योजना का पूरा होना संभव नहीं है और...
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि चिंताजनक परिस्थिति यह है कि जेट एयरवेज की समाधान योजना पांच साल से लागू नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी मुंबई पीठ को तत्काल जेट एयरवेज की परिसंपत्तियों को बेचने के लिए लिक्विडेटर (परिसमापक) नियुक्त करने और लिक्विडेशन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने नकदी की कमी से जूझ रही जेट एयरवेज की समाधान योजना और इसका स्वामित्व जेकेसी को हस्तांतरित किए जाने को मंजूरी देने के एनसीएलएटी के फैसले खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य की ओर से दाखिल अपील का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि समाधान योजना के पूरा होने तक प्रदर्शन बैंक गारंटी को चालू रखना था क्योंकि इसे केवल योजना के उल्लंघन पर ही जब्त किया जा सकता था। पीठ ने कहा कि एसआरए जेकेसी ने योजना के तहत पहली किश्त न देकर भुगतान लागत देने में चूक की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चूंकि समाधान योजना को लागू करना संभव नहीं है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कॉरपोरेट ऋणदाता के लिए लिक्विडेशन एक विकल्प बना रहे।
जेकेसी का 200 करोड़ रुपये जब्त
सुप्रीम कोर्ट ने जालान कलरॉक कंसोर्टियम द्वारा पहले जमा कराए गए 200 करोड़ रुपये की राशि जब्त करने कहा है। पीठ ने कहा है कि ऋणदाता और लेनदार मुहैया कराई गई 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को भुनाने के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि एनसीएलएटी ने स्थापित कानूनी सिद्धांतों के विपरीत काम किया। एनसीएलएटी ने हमारे आदेश की गलत व्याख्या की।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।