दिव्यांग एमबीबीएस उम्मीदवार को एम्स में दाखिले का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगता वाले एमबीबीएस स्नातक उम्मीदवार कबीर पहाड़िया को एम्स में दाखिले का निर्देश दिया है। कबीर ने 2024 की एमबीबीएस परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन उसे चलने-फिरने में अक्षमता के...

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगता वाले एमबीबीएस स्नातक उम्मीदवार को एम्स में दाखिले का निर्देश दिया। उम्मीदवार ने 2024 में एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कबीर पहाड़िया की याचिका पर अपने आदेश में कहा कि यह कोई दान का मामला नहीं बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में निहित एक मौलिक अधिकार है। कबीर की पांच उंगलियां आधी बढ़ी हुई हैं। कबीर को चलने-फिरने की अक्षमता के कारण एमबीबीएस में दाखिला नहीं दिया गया था। शीर्ष अदालत ने 2 अप्रैल को एम्स द्वारा गठित एक मेडिकल बोर्ड को कबीर का नए सिरे से मूल्यांकन करने का निर्देश दिया था।
बोर्ड ने निष्कर्ष निकाला कि कबीर ने विभिन्न कार्यों के दौरान अपनी मौजूदा उंगलियों का उपयोग करके अनुकूल कार्य किया। दरअसल, कबीर ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता को एमबीबीएस स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश देने से इनकार करना पूरी तरह से अवैध, मनमाना है। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए, शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि मानसिकता बदलनी चाहिए और यह मामूली विचलन, किसी भी तरह से, अपीलकर्ता को एमबीबीएस यूजी पाठ्यक्रम में प्रवेश देने से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है।
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