श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह: सभी वाद को एक साथ जोड़ने के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी
सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल सभी वादों को एक साथ जोड़ने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ नोटिस जारी किया है। मस्जिद प्रबंधन...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल सभी वाद को एक साथ जोड़ने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर नोटिस जारी कर पक्षकारों से जवाब मांगा है। शाही ईदगाह मस्जिद की प्रबंधन समिति ने उच्च न्यायालय द्वारा पिछले साल 23 अक्टूबर को पारित आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
इस आदेश के जरिए, उच्च न्यायालय में शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट की प्रबंधन समिति की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें 11 जनवरी को हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल सभी मामले को सुनवाई के लिए एक साथ जोड़ दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 19 मार्च को मस्जिद समिति को उच्च न्यायालय में जाकर सभी वाद को एक साथ जोड़ने के आदेश को वापस लेने की मांग करने का निर्देश दिया था। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार तथा न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू होते हुए, मस्जिद समिति के वकील से अपने पिछले आदेश के बारे में पूछा। पीठ को बताया गया कि उच्च न्यायालय ने 23 अक्टूबर को समिति की मांग को ठुकरा दिया।
इसके बाद पीठ ने मस्जिद समिति और हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की दलीलों पर विचार करने के बाद मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। समिति की ओर से दाखिल याचिका में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के अलावा 10 लोगों को प्रतिवादी बनाया है।
इसके अलावा, मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक अन्य आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को हिंदू पक्ष के लंबित मुकदमों में पक्षकार बना दिया था। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि ‘यदि मुकदमे के जवाब में दूसरे पक्ष द्वारा कोई नया आधार लिया जाता है, तो सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत याचिका में संशोधन करने का अधिकार है। हालांकि, पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई 8 अप्रैल तक टाल दी।
हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल सभी वाद को एक साथ जोड़ने का आदेश देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की उन दलीलों को ठुकरा दिया था, जिसमें कहा गया था कि मुद्दों के निर्धारण और साक्ष्य एकत्र करने के बाद ही, यह आदेश पारित किया जाना चाहिए था। यह विवाद मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित है, जिसके बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि इसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर स्थित मंदिर को ध्वस्त करके बनाया गया है।
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