प्रदूषण विकट समस्या है, इसे कठोर उपायों से ही खत्म किया जा सकता है - सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की समस्या को गंभीर बताते हुए हरियाणा और उत्तर प्रदेश को पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि पर्यावरणीय समस्याओं के...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की समस्या को विकट बताते हुए कहा कि ‘इससे निपटने के लिए किए जाने वाले उपाय भी कठोर होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा है कि कठोर उपायों के जरिए ही, प्रदूषण की समस्या से निजात मिल सकती है।
जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश को भी एनसीआर में शामिल अपने-अपने जिलों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की है। पीठ ने कहा है कि दिल्ली की तरह राजस्थान सरकार ने भी एनसीआर में शामिल अपने जिलों में पटाखों की बिक्री तथा फोड़ने पर स्थायी तथा पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसे में उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी करना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा है कि जब तक ये दोनों राज्य अपने यहां भी पटाखों पर के बिक्री, भंडारण, उत्पादन और इस्तेमाल पर स्थाई प्रतिबंध के लिए आदेश पारित नहीं करता है, तब तक इस बारे में जारी अदालत का पहले का आदेश प्रभावी रहेगा। इसके साथ ही, पीठ ने मामले की सुनवाई 24 मार्च के लिए स्थगित कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा है कि ‘पर्यावरणीय समस्याएं विकट हैं, इसलिए कठोर उपायों को अपनाने की जरूरत है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस न्यायालय को कार्रवाई करनी होगी तथा कठोर आदेश पारित करने होंगे। साथ ही कहा कि अगली तारीख पर पटाखों के निर्माण और बिक्री में शामिल फर्मों पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं पर भी विचार किया जाएगा।
मामले की सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता ने पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध हटाने की मांग की क्योंकि यह उत्पादकों के मौलिक अधिकारों से भी संबंधित है। इस पर पीठ ने कहा कि पर्यावरणीय समस्याएं उनके मुद्दों से आगे आती हैं। इस पर अधिवक्ता ने पीठ अदालत से कम से कम ग्रीन पटाखों की अनुमति देने का आग्रह किया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें देखना होगा कि ‘ग्रीन पटाखे, कितने ग्रीन हैं। साथ ही, केंद्र और पटाखा बनाने वाली कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली सरकार ने पहले ही राजधानी में पूरी तरह से स्थाई रूप से पटाखों की बिक्री, उत्पादन, भंडारण और इस्तेमाल पर पूरे साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। राजधानी में ऑनलाइन मार्केटिंग के माध्यम से भी पटाखों की डिलीवरी पर भी प्रतिबंध है।
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