सुपरटेक की 16 आवासीय परियोजान एनबीसीसी को देने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सुपरटेक लिमिटेड की 16 आवासीय परियोजनाओं के लिए एनबीसीसी को परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त किया गया था। कोर्ट ने सुपरटेक और अन्य को अधूरे...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत कर्ज में डूबी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की 16 आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए एनबीसीसी को परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त किया था। शीर्ष अदालत ने इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सुपरटेक और अन्य से प्रस्ताव अपना पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने ने एनसीएलएटी के 12 दिसंबर, 2024 के आदेश के खिलाफ दो अपीलों पर विचार करते हुए यह आदेश पारित किया है। पीठ ने मामले में सभी संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए, अपना-अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि ‘वह इस बात की जांच करेंगे कि क्या एनसीएलएटी ने सुपरटेक की आवासीय परियोजनाओं के अधूरे काम को पूरा करने के लिए एनबीसीसी को परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त करते समय ‘दिवाला और दिवालियापन संहिता के प्रावधानों का पालन किया है या नहीं। इसके साथ ही, पीठ ने कहा कि सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद हम सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी को परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त करने के एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा रहे हैं।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पक्षों ( सुपरटेक और अन्य) से रुकी हुई इन आवासीय परियोजनाओं के अधूरे कार्य को पूरा करने की योजनाओं के बारे में लिखित में जवाब दाखिल करने को कहा। शीर्ष अदालत ने समाधान पेशेवर को भी इस बीच कानून के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करते रहने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और सुपरटेक लिमिटेड के निलंबित निदेशक आरके अरोड़ा की ओर से एनसीएलएटी के 12 दिसंबर, 2024 के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर दिया है।
एनसीएलएटी ने अपने आदेश में, एनबीसीसी को सुपरटेक की 16 परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए एनबीसीसी को परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त किया था। इसके साथ ही, एनसीएलएटी ने एनबीसीसी को 31 मार्च, 2025 से पहले काम देने की प्रक्रिया शुरू करने और उसके एक माह के भीतर अनुबंध देने का निर्देश दिया था और 16 परियोजनाओं के लिए 1 मई, 2025 से निर्माण शुरू करने का आदेश दिया था। इसके अलावा, एनसीएलएटी ने इन परियोजनाओं की निगरानी के लिए एक ‘एक शीर्ष समिति और परियोजना-वार एक निगरानी समिति के गठन करने का भी आदेश दिया था।
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