राजद नेता सुनील सिंह के निष्कासन से खाली सीट पर हो रहे विधान परिषद के उप चुनाव का परिणाम घोषित करने
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद से राजद नेता सुनील कुमार सिंह की सदस्यता खत्म किए जाने के बाद हो रहे उपचुनाव का परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी। सिंह ने अपनी सदस्यता को असंवैधानिक बताते हुए बहाली...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार विधान परिषद से राजद नेता सुनील कुमार सिंह की सदस्यता खत्म किए जाने से खाली हुई सीट पर हो रहे उपचुनाव का परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी। सदन में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के बारे में आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किए जाने को लेकर पिछले साल 26 जुलाई को बिहार विधान परिषद ने राजद नेता सिंह की सदस्यता खत्म करते हुए, उन्हें सदन से निष्कासित कर दिया था।
जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटीश्वर सिंह की पीठ को उपचुनाव का परिणाम घोषित करने पर तब रोक लगा दी, जब सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यदि चुनाव निर्विरोध हुआ थो उक्त सीट के लिए उपचुनाव का परिणाम 16 जनवरी को घोषित किए जाने की संभावना है। इसके बाद पीठ ने कहा कि चूंकि इस मामले में सुनवाई की जा रही है, इसलिए याचिकाकर्ता के निष्कासन से खाली हहुए सीट पर हो रहे चुनाव का परिणाम घोषित नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, पीठ ने मामले की सुनवाई गुरुवार यानी 16 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट राजद नेता सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उन्होंने बिहार विधान परिषद से निष्कासित किए जाने को मनमाना और असंवैधानिक बताते हुए सदस्यता बहाल करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव पर रोक लगाने की मांग करते हुए, सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि ‘अगस्त, 2024 से निष्कासन के खिलाफ उनके मुवक्किल की याचिका पर इस अदालत में सुनवाई हो रही है, और यदि अदालत इस याचिका को मंजूर कर लेती है तो भविष्य में विचित्र स्थिति पैदा हो जाएगी, जहां एक ही सीट पर दो प्रतिनिधि होंगे। उन्होंने यह कहते हुए उपचुनाव पर रोक लगाने की मांग की। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि यदि उपचुनाव निर्विरोध होता है तो इसका परिणाम भी 16 जनवरी को ही आ जाएगा, लिहाजा अदालत को परिणाम घोषित करने पर रोक लगानी चाहिए। इसके बाद शीर्ष अदालत ने विधान परिषद के चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी और कहा कि गुरुवार को विस्तार से मामले की सुनवाई होगी। पीठ ने कहा कि 16 जनवरी को राज्य विधान परिषद और आचार समिति तथा अन्य का पक्ष सुनने के बाद, इस मुद्दे पर अपना फैसला पारित करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में सिंह ने विधान परिषद से निष्कासित किए जाने के फैसले को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की है। उन्होंने याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक सदस्यता बहाल करने और तब तक उस सीट पर उप चुनाव की घोषणा नहीं करने का आदेश देने की मांग की थी। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी और मिमिक्री करने को लेकर बिहार विधान परिषद की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के नियम 290 के खंड 10 (डी) के तहत आचार समिति सिफारिश पर परिषद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था।
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