Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीSupreme Court Grants Relief to Patanjali s Ramdev and Balkrishna in Contempt Case

अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक स्वामी रामदेव और प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले में राहत दी है। अदालत ने उनकी माफीनामा स्वीकार कर कार्यवाही बंद...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 13 Aug 2024 12:59 PM
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नई दिल्ली। विशेष संवाददाता भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के संस्थापक योग गुरु स्वामी रामदेव, प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। शीर्ष अदालत ने स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अदालत के आदेशों की अनदेखी करने को लेकर शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही को बंद कर दिया है।

जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव, बालकृष्ण और कंपनी से कहा है कि भविष्य में उन्हें अदालत के सभी आदेशों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही पीठ ने हिदायत दी है कि यदि भविष्य में अदालत के आदेशों की अनदेखी की जाएगी तो अवमानना की कार्यवाही दोबारा शुरू की जाएगी। जस्टिस कोहली ने कहा है कि ‘यदि अदालत के किसी भी निर्देश का किसी भी तरह से उल्लंघन या अनदेखी होने पर, सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि भविष्य में आदेश की अनदेखी होने पर अवमानना ​​की तलवार जो अब अपने म्यान में वापस आ गई है, उतनी ही तेजी से बाहर आएगी, जितनी तेजी से ये कार्यवाही शुरू की गई थी।

शीर्ष अदालत ने कंपनी, स्वामी रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश माफीनामा को स्वीकार करते हुए, उन्हें राहत दी और अवमानना की कार्यवाही को बंद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई को सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस कोहली ने कहा कि ‘तथ्यों से साफ पता चलता है कि माफी मांगने से पहले प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं के शुरुआती आचरण इस अदालत को दिए गए वचनों का उल्लंघन था। उन्होंने कहा कि इसके बाद प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं ने बिना शर्त माफी मांगी और सुधार के लिए समुचित कदम उठाने का प्रयास किया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि अवमाननाकर्ताओं ने न सिर्फ हलफनामा बल्कि व्यक्तिगत रूप से अपने आचरण के लिए खेद व्यक्त किया है और इसके लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित विज्ञापनों के जरिए माफी मांगा है।

पीठ ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं को बिना शर्त माफी मांगने की समझदारी देर से आई‌ और उनके बाद के आचरण से पता चलता है कि उन्होंने खुद को सही करने के ईमानदारी से प्रयास किए हैं। जस्टिस कोहली ने कहा कि सभी तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और कंपनी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को बंद किया जा रहा है।

यह मामला भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की ओर से दाखिल याचिका पर शुरू हुआ था, जिसमें पतंजलि पर कोरोना टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बदनाम करने वाला अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है। इसी मामले में, शीर्ष अदालत ने 21 नवंबर, 2023 के अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद की ओर से पेश अधिवक्ता पीठ को भरोसा दिया था कि ‘इसके बाद किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा, विशेष रूप से इसके द्वारा निर्मित और विपणन किए जाने वाले उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में ऐसा नहीं किया जाएगा। साथ ही यह भरोसा दिया था कि पतंजलि उत्पादों के औषधीय प्रभावों का दावा करने वाले या किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ कोई भी आकस्मिक बयान किसी भी रूप में मीडिया को जारी नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने बयान के बाद भी अदालती निर्देशों का उल्लंघन किए जाने के बाद अवमानना का यह मामला शुरू किया था।

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